पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने रंजीत सिंह हत्या के मामले में डेरा प्रमुख और चार अन्य आरोपियों को बरी कर दिया है. जिसके बाद इस मामले पर चर्चा शुरु हो गई है. पंजाब के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता चरणजीत सिंह चन्नी ने हाईकोर्ट से डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को 2002 में डेरा के पूर्व प्रबंधक रणजीत सिंह की हत्या के मामले में बरी करने को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है.
पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा, “मैं अदालत की प्रक्रियाओं पर टिप्पणी नहीं करना चाहता लेकिन, मैं सिर्फ बीजेपी से पूछना चाहता हूं कि जब चुनाव आते हैं तो ऐसा क्यों है कि इस दौरान उन्हें (राम रहीम) को लाभ मिलता है या पैरोल पर बाहर आ जाते हैं?”
रणजीत सिंह के जीजा प्रभु दयाल ने जताया असंतोष
उधर, रणजीत सिंह हत्याकांड में गुरमीत राम रहीम समेत सभी आरोपियों को बरी करने के हाईकोर्ट के फैसले पर रणजीत सिंह के जीजा प्रभु दयाल ने असंतोष जताते हुए कहा, “हाई कोर्ट का फैसला हमारी उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा. अब हम सुप्रीम कोर्ट में लड़ाई लड़ेंगे और मरते दम तक न्याय के लिए लड़ते रहेंगे.”
रामचंद्र छत्रपति के बेटे अंशुल छत्रपति ने क्या कहा?
उधर, रणजीत सिंह हत्याकांड में गुरमीत राम रहीम समेत सभी आरोपियों को बरी करने के हाईकोर्ट के फैसले पर रामचंद्र छत्रपति के बेटे अंशुल छत्रपति ने निराशा जताई है. उन्होंने कहा, ”ये फैसला कहीं न कहीं निराशाजनक है. इस फैसले से हमारी असहमति है. अगर हम इसके बैकग्राउंड की बात करें तो साध्वियों के यौन शोषण और गुमनाम चिट्ठी से लेकर रणजीत सिंह की हत्या होना ये सभी मामले हैं, वो एक दूसरे से इंटरलिंक हैं.”
उन्होंने आगे कहा, ”सीबीआई ने आरोपियों को सजा सुनाई थी इसके बाद अब हाईकोर्ट का फैसला आया है. पीड़ित परिवार लगातार 19 साल की लड़ाई के बाद उन्हें इंसाफ मिला था और अब इस तरह का फैसला आया है तो उम्मीद करते हैं कि वो इस मामले में सुप्रीम कोर्ट जाएंगे और चैलेंज करेंगे.
सीबीआई कोर्ट ने दिया था दोषी करार
बता दें कि सीबीआई अदालत ने रेप केस और दो हत्याओं के मामले में साल 2019 में डेरा प्रमुख राम रहीम के साथ अन्य लोगों को दोषी करार दिया था. बाद में अदालत ने 18 अक्तूबर 2021 को राम रहीम और अन्य को रंजीत सिंह की हत्या मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई थी. राम रहीम ने CBI कोर्ट के फैसले के खिलाफ पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में अपील की थी.