महाराजगंज. उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जनपद में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का अनुदान पाने के लालच में बहन ने भाई के ही साथ सात फेरे ले लिए. मामला उजागर होने के बाद अब समाज कल्याण विभाग अपनी कमियां लाभार्थी पर थोपकर नोटिस और रिकवरी में जुटा हुआ है. मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में फर्जीवाड़े की बात सामने आने के बाद हड़कंप मचा हुआ है.
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महाराजगंज जनपदके लक्ष्मीपुर ब्लॉक में 5 मार्च को मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह कार्यक्रम आयोजित हुआ था. समाज कल्याण और विकास विभाग की देखरेख में आयोजित सामूहिक विवाह योजना के तहत रीति रिवाज के साथ शादी संपन्न कराई गई. लक्ष्मीपुर ब्लाक क्षेत्र के एक गांव की शदीशुदा युवती द्वारा भी सामूहिक विवाह योजना के लिए आवेदन किया गया. जांच पड़ताल के बाद युवती और उसके पति को भी 5 मार्च को लक्ष्मीपुर ब्लॉक में आयोजित सामूहिक विवाह समारोह में शामिल होना था, लेकिन किन्हीं कारणों से उसका पति नहीं आया. आनन-फानन में अधिकारियों और बिचौलियों ने पति की जगह उसके भाई को ही मंडप में बैठा दिया. भाई-बहन के साथ सात फेरे भी करा दिया गया. मामला सामने आने के बाद समाज कल्याण और विकास विभाग की कलई खुल गई.
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रिकवरी में जुटा विभाग
सामूहिक विवाह योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद पहले तो अधिकारी बचाव कर रहे थे, लेकिन मामला मीडिया में आने के बाद समाज कल्याण विभाग ने फर्जीवाड़ा करने वाले लाभार्थी के घर पहुंच कर विवाह की तरफ से दिए जाने वाले सामान को वापस करने और अनुदान राशि के भुगतान पर रोक लगाने में जुट गया है.