दौसा। उपखंड क्षेत्र के पापड़दा 18 फरवरी 2024 को आर्यन बाग पैलेस,बासना में *जोहार जागृति मंच* के बैनर तले प्रथम मिलन समारोह व परिचर्चा का आयोजन एवं सामाजिक प्रथाओं पर चर्चा की गई । रामकेश रतनपुरा व रंगलाल नेवर ने बताया कि समारोह में उपस्थित सदस्यों की आम सहमति से मंच का सामाजिक सुधारों के लिए मेनिफेस्टो जारी किया गया, मुकेश जी ने विस्तार से समझाया कि समाज में व्याप्त मृत्युभोज कुप्रथा पर राजस्थान मृत्युभोज निवारण अधिनियम 1960,नियमावली 1961 के प्रावधानों अनुसार रोकने, दहेज़ कुप्रथा के उन्मूलन को लेकर दहेज़ निषेध अधिनियम,1961 के अनुसार प्रतिबंधित करने पर सहमति हुई किंतु यदि कोई पिता अपनी पुत्री को श्रृंगार स्वरुप कुछ आभूषण भेट करता है ,तो वह दहेज़ की श्रेणी में नहीं माना जायेगा। विधवा विवाह पर बल दिया गया, साथ ही पुरखों की *धराड़ी विवाह पद्धति* को पुनर्जीवित करते हुए उसे अपनाने पर सहमति जताई। युवा पीढ़ी में बढ़ती नशा खोरी पर भी अंकुश लगाने व नशा मुक्त समाज का निर्माण करने पर बल दिया।
पर्यावरण संवर्धन को लेकर आमजन को जागृत करने के लिए संगठन ने प्रतिवर्ष 1000 पौधों के वितरण करने का संकल्प पारित किया तो शिक्षा जागृति के लिए स्वतंत्रता दिवस पर बच्चों को पारितोषिक देकर प्रेरित करने की वचनबद्धता दोहराई।
समारोह में प्रो.हीरा मीणा द्वारा रंगलाल नेवर ( साहित्यकार व समाज चिंतक ) की पुस्तक ” जोहार संहिता ” का विमोचन किया गया। पुस्तक लेखन व विमोचन तक के सफऱ में बनवारी लाल मीणा अध्यापक, रामकेश रतनपुरा , मुकेश पीपल्या, मंगलचंद फौजी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस पुस्तक का उद्देश्य समाज में व्याप्त फूहड़ गायन शैली में परिवर्तन करते हुए समाज के पुरखों के योगदान के यशोगान के साथ ही गायन मे निहित पाखंड,अधविश्वास को बाहर कर वैज्ञानिक दृष्टिकोण की तरफ उन्मुख करने में मील का पत्थर साबित होगी। मंच के सभी उपस्थित साथी दूर दूर से जैसे अलवर, दौसा,करौली,जयपुर सवाई माधोपुर, बूँदी भीलवाड़ा आदि आये हुए साथियो ने सामाजिक दृष्टिकोण में अपने – अपने विचार साँझा कर इन पर काम करने का दृढ़संकल्प लिया। जो प्रकृति के संरक्षण सहित मानवतावाद की स्थापना के लक्ष्यों को पूरा करने में सहायक सिद्ध होगें।

Author: रिपोर्टर Rajkuma सिंघल
राजस्थान