रियाद/तेहरान: भारत की महिला और अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री स्मृति इरानी की सऊदी अरब यात्रा सुर्खियों में आ गई है। स्मृति इरानी ने विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन के साथ सऊदी अरब के पवित्र शहर मदीना की यात्रा की। मदीना शहर में साल 2021 तक गैर मुस्लिमों का प्रवेश वर्जित था। मदीना में ही अल मस्जिद अल नबवी है जो मुस्लिमों के सबसे पवित्र मस्जिदों में शामिल है। स्मृति इरानी भारतीय प्रतिनिधिमंडल के साथ इस मस्जिद के पास तक गईं और वहां तस्वीर भी खिंचवाई। यह इस्लाम धर्म की दूसरी मस्जिद है। मदीना के इस पूरे दौरे पर स्मृति इरानी भारत के परंपरागत लिबास साड़ी में नजर आईं। इस बीच सोशल मीडिया पर पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की ईरान दौरे की तस्वीर भी शेयर की जा रही है जिसमें वह ईरानी नेता से मुलाकात के दौरान सिर से लेकर पांव ढंकी हुई हैं। ये दोनों ही तस्वीरें कट्टर मुस्लिम देशों सऊदी अरब और ईरान की बदलती हुई कहानी को बयां कर रही हैं। आइए समझते हैं…
स्मृति इरानी को बिना हिजाब के मदीना जाने की अनुमति देने के लिए जहां सोशल मीडिया पर हर तरफ तारीफ हो रही है, वहीं कट्टरपंथियों का एक धड़ा ऐसा भी है जो सऊदी प्रिंस की आलोचना कर रहा है। स्मृति इरानी के साथ एक महिला भाारतीय अधिकारी निरुपमा कोटरू भी थीं और उन्होंने भी साड़ी पहन रखा था। बताया जा रहा है कि ऐसा पहली बार हुआ है जब मदीना में किसी गैर मुस्लिम प्रतिनिधिमंडल को जाने की अनुमति दी गई। स्मृति इरानी ने हज सुविधाओं को देखने के लिए मदीना का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने इस्लाम के इतिहास के बारे में भी जाना। स्मृति इरानी इस मदीना यात्रा को सऊदी प्रिंस की देश को आधुनिकरण की नीतियों से जोड़कर देखा जा रहा है।
सऊदी अरब को ‘आधुनिक यूरोप’ बना रहे एमबीएस
सऊदी प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान अपने देश को ‘आधुनिक यूरोप’ में बदलने की कोशिश कर रहे हैं। सऊदी अरब का तेल भंडार अब कम हो रहा है जो उसकी आमदनी का मुख्य स्रोत है। यह चिंता सऊदी प्रिंस को खाए जा रही है। वहीं दूसरी ओर पड़ोसी यूएई दुबई जैसे शहर को बसाकर पूरी दुनिया का ‘मॉल’ गया है जहां पर बड़ी बड़ी कंपनियां व्यापार के लिए ऑफिस खोल रही हैं। यही नहीं दुबई में अरबों डॉलर का निवेश हो रहा है जिससे यूएई के तेल पर से निर्भरता कम हो रही है। दुबई की सफलता को देखकर सऊदी प्रिंस अब अपने देश में भी उसे दोहराने का प्रयास कर रहे हैं। सऊदी अरब को खोल रहे हैं ताकि दुनियाभर से पर्यटक आएं और कमाई बढ़े।
यही नहीं अब तक चले आ रहे बेहद कट्टर इस्लामिक नियमों को भी सऊदी अरब के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने नरम किया है। इसके तहत महिलाओं का बराबरी का हक दिया जाने लगा है। उन्हें गाड़ी चलाने की छूट दी गई है। हाल ही में सऊदी अरब में एक बड़े फैशन शो का आयोजन किया गया था। इसमें दुनियाभर की मॉडल हिस्सा लेने पहुंची हैं। इसी के तहत साल 2021 में सऊदी प्राधिकरण ने मदीना शहर की ओर जाने वाले रास्ते से ‘केवल मुस्लिम’ वाला बोर्ड हटा दिया था। हालांकि मक्का में अभी केवल मुस्लिमों को ही जाने की अनुमति है। मदीना में गैर मुस्लिमों को प्रवेश की अनुमति देने को सऊदी प्रिंस के इस्लाम के उदार चेहरे को पेश करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।
हिजाब को लेकर अपनों पर चाबुक चला रहा ईरान
एक तरफ सुन्नी देशों का अगुवा सऊदी अरब खुद को आधुनिक यूरोप में बदल रहा है, वहीं पड़ोसी शिया बहुल देश ईरान हिजाब पहनने को लेकर विदेशियों को छोड़िये अपने देश की महिलाओं पर चाबुक चला रहा है। ईरान में इस्लामिक क्रांति से पहले एक आधुनिक पश्चिमी देश की तरह से था। लेकिन अयातुल्ला के शासन के आने के बाद यहां कट्टर इस्लामिक नियम लागू हो गए। दशकों से ईरान की महिलाएं हिजाब से आजादी के लिए आंदोलन चला रही हैं। साल 2022 में माहसा अमीनी की ईरान की इस्लामिक पुलिस के हाथों मौत के बाद यह पूरा आंदोलन हिंसक हो गया। पूरे देश में बहुत बड़े पैमाने पर प्रदर्शन होने लगे। इसमें महिलाएं और पुरुष दोनों ने जमकर हिस्सा लिया।
स्मृति इरानी ने पवित्र मदीना शहर की यात्रा कर रचा इतिहास तो भड़के मुस्लिम कट्टरपंथी, सऊदी प्रिंस को कोसा
ईरान की सरकार ने हिंसा कहा सहारा लेकर इसे कुचलने की कोशिश की। महिलाओं ने अपने बाल काट दिए और हिजाब सार्वजनिक रूप से जलाकर विरोध दर्ज कराया। ईरान में इन्हीं कट्टर नियमों की वजह से जब साल 2016 में भारत की तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज गईं थीं तब उन्हें पूरा शरीर ढककर ईरान के राजनेताओं से मुलाकात करनी पड़ी थी। सुषमा स्वराज ने जब ईरान के तत्कालीन राष्ट्रपति हसन रुहानी से मुलाकात की तो उन्होंने गुलाबी रंग की साड़ी और उससे मिलती जुलती शॉल ओढ़ रखी थी। उन्होंने अपना सिर शॉल से ढक रखा था जिसकी सोशल मीडिया पर तीखी आलोचना हुई थी। ईरान के इस्लामिक नियमों के मुताबिक महिलाओं का सिर ढकना जरूरी होता है। स्मृति इरानी की इस यात्रा के बाद एक बार फिर से सुषमा की यह तस्वीर सोशल मीडिया में वायरल हो गई है।