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November 16, 2025 7:33 am

UP News: ‘हिंदू धर्म नहीं, धोखा है’… आखिर क्यों नहीं मान रहे विवादों के स्वामी, अखिलेश यादव ने कहा था- लगाम लगाएंगे

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियों के साथ ही कुछ विवादित मुद्दों को हवा देने की कोशिश लगातार की जा रही है। एक तरफ राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के जरिए एक अलग माहौल बन रहा है। करीब 500 सालों के बाद रामलला अपने मंदिर में विराजमान होंगे। इसको लेकर 22 जनवरी को अयोध्या में भव्य समारोह होगा। इसे हिंदू धर्म के एक बड़े आयोजन के रूप में देखा जा रहा है। वहीं, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर हिंदू धर्म को लेकर विवादित बयान दिया है। उन्होंने हिंदू धर्म को धोखा करार दिया है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने पीएम नरेंद्र मोदी, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के बयानों को आधार बताते हुए हिंदू धर्म को धोखा के रूप में स्थापित करने की कोशिश की है। स्वामी प्रसाद मौर्य का बयान ऐसे समय में आया है, जब पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव उन पर लगाम लगाने की बात करते दिख रहे हैं।

स्वामी प्रसाद मौर्य ने दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में हिंदू धर्म को धोखा करार दिया। जनसभा को संबोधित करते हुए स्वामी मौर्य ने कहा कि हिंदू एक धोखा है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक आदेश में कहा है कि हिंदू कोई धर्म नहीं, जीवन जीने की एक शैली है। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत दो बार कह चुके हैं कि हिंदू नाम का कोई धर्म नहीं है, बल्कि यह जीवन जीने का एक तरीका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कह चुके हैं कि हिंदू कोई धर्म नहीं है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी पिछले दिनों एक कार्यक्रम के दौरान इस प्रकार का बयान दिया। स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि जब ये लोग ऐसे बयान देते हैं तो लोगों की भावनाएं आहत नहीं होती हैं, लेकिन अगर स्वामी प्रसाद मौर्य यही कहते हैं तो अशांति फैलती है।

क्यों गरमाया है मामला?

स्वामी प्रसाद मौर्य लगातार हिंदुओं के खिलाफ आग उगल रहे हैं। रामचरितमानस पर विवादित बयान देने के बाद से स्वामी प्रसाद मौर्य लगातार हिंदुओं को टारगेट कर रहे हैं। रामचरितमानस को दलित- महिलाओं के खिलाफ बताकर धर्मग्रंथ का लगातार उन्होंने अपना किया। इस मामले को लेकर समाजवादी पार्टी के भीतर भी सवाल उठने लगे। स्वामी प्रसाद मौर्य का विरोध करने में रोली मिश्रा तिवारी और ऋचा सिंह को पार्टी से निकाल दिया गया। हालांकि, बाद में अखिलेश यादव ने तमाम नेताओं के बयानों पर रोक लगा दी। हालांकि, पिछले दिनों अखिलेश के सामने यह मुद्दा बड़ा होता दिखा है। इसके बाद भी स्वामी प्रसाद मौर्य विरोध करने वालों पर निशाना चूकने से बाज नहीं आ रहे।

कन्नौज में सपा के ब्राह्मण सम्मेलन के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान को लेकर चर्चा का बाजार गरमा गया है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने विरोध करने वालों पर निशाना साधते हुए कहा कि ये लोग पीएम मोदी, मोहन भागवत के बयानों के बाद सवाल क्यों नहीं करते। हम जब बात करते हैं तो इनकी भावनाएं क्यों आहत होती हैं?

लोकसभा चुनाव से पहले गरमा रहा मामला

लोकसभा चुनाव 2024 से पहले हिंदू धर्म को निशाना बनाकर स्वामी प्रयाद मौर्य एक अलग ही राजनीति कर रहे हैं। एक तरफ अखिलेश यादव PDA यानी पिछड़ा दलित अल्पसंख्यक वोट बैंक को एकजुट बनाने का प्रयास कर रहे हैं। वहीं, उनकी नजर सामान्य वर्ग के भी वोट बैंक पर है। राजपूत समाज के बाद ब्राह्मण सम्मेलन के जरिए उन्होंने इस जाति वर्ग को साधने की कोशिश की है। हालांकि, ब्राह्मण सम्मेलन के दौरान अखिलेश के सामने ही स्वामी के बयानों का मुद्दा गरमा दिया। इसके बाद अखिलेश यादव ने इस पर लगाम लगाने की बात कही। हालांकि, अब स्वामी का नया बयान सामने आ गया है।

स्वामी प्रसाद मौर्य का बयान 25 दिसंबर का बताया जा रहा है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या अखिलेश यादव अपने नेता स्वामी प्रसाद मौर्य पर लगाम नहीं लगा पा रहे हैं। यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य तो अलग ही हमलावर हैं। वे कहते हैं कि स्वामी प्रसाद मौर्य तो केवल चेहरा हैं। वे वही बोलते हैं जो अखिलेश यादव लिखकर देत हैं। इस प्रकार भाजपा ने हिंदुओं पर स्वामी प्रसाद मौर्य के हमलों में अखिलेश को लपेट लिया है। यह उनकी राजनीति को निश्चित तौर पर प्रभावित कर सकता है।
Sanjeevni Today
Author: Sanjeevni Today

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