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February 23, 2025 3:48 am

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8th Pay Commission: ये 12 सुझाव…….’केंद्रीय अर्धसैनिक बल ‘CRPF’ ने 8वें वेतन आयोग की संदर्भ शर्तों पर दिए हैं……

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केंद्र सरकार ने पिछले माह आठवें वेतन आयोग के गठन की घोषणा की थी। इसके बाद वित्त मंत्रालय ने आठवें वेतन आयोग की संभावित संदर्भ शर्तों (टीओआर) पर केंद्रीय गृह मंत्रालय से सुझाव मांगे हैं। गृह मंत्रालय ने सभी केंद्रीय बलों से सुझाव देने के लिए कहा है। केंद्रीय बल, सीआरपीएफ, बीएसएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी, एसएसबी, एनएसजी और असम राइफल को अपने सुझावों में उचित स्पष्टीकरण तथा दस्तावेजों सहित विस्तृत रिपोर्ट पेश करनी थी। सीआरपीएफ के उत्तराखंड सेक्टर की तरफ से आठवें वेतन आयोग की संभावित संदर्भ शर्तों (टीओआर) पर 12 अहम सुझाव दिए गए हैं। इनमें ओपीएस, पैरामिलिट्री भत्ता, टैक्स फ्री जोखिम भत्ता, टैक्स फ्री राशन भत्ता व 2आईसी का पे स्केल लेवल ’12’ से ’13’ में अपग्रेड करने जैसे कई दूसरे महत्वपूर्ण सुझाव शामिल हैं।

बता दें कि संदर्भ की शर्तें किसी भी आयोग के गठन एवं उसके कामकाज के लिए एक आधारशिला का काम करती हैं। आयोग द्वारा विभिन्न घटकों के साथ-साथ बातचीत करना, उसकी सीमा और तरीका क्या होगा, ये सब बातें तय की जाती हैं। ठोस संदर्भ शर्तों के जरिए किसी नियोक्ता को जानकारी इकट्ठा करने और कार्यस्थलों की समस्या को समझने में मदद मिलती है। संदर्भ की शर्तें, विस्तृत रिपोर्ट तैयार के लिए एक उत्कृष्ट ग्राउंड प्रदान करती हैं। इस तरह की शर्तों में वार्ता का उद्देश्य और संरचना को परिभाषित करना भी शामिल होता है।

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केंद्र सरकार ने 16 जनवरी को 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी थी। आयोग की सिफारिशें एक जनवरी 2026 से लागू होनी हैं। कर्मचारी संगठनों के नेताओं का कहना था कि अतीत में ऐसा कम ही देखने को मिलता है, जब आयोग के गठन और उसकी रिपोर्ट को लागू करने में दो वर्ष से कम वक्त लगा हो। पहले यह होता था कि वेतन आयोग के सदस्य, विभिन्न तरह की जानकारी एकत्रित लेने के लिए विदेशों के टूर करते थे। कई देशों के कर्मचारी संगठनों का वेतनमान देखा जाता था। अध्ययन भ्रमण में बहुत समय लगता था। अब सब कुछ डिजिटल हो गया है। किसी भी देश के कर्मचारियों के वेतनमान से जुड़ी जानकारी आनलाइन मिल सकती है।

मौजूदा समय में दूसरे देशों की अर्थव्यवस्था एवं वित्त मंत्रालयों के नए कदमों का अध्ययन भी डिजिटल माध्यम से हो सकता है। ऐसे में संभव है कि इस बार कम समय लगे। दो दशक पहले डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार के दौरान वेतन आयोग के गठन से लेकर उसे लागू करने तक, इस प्रक्रिया में 18 महीने लगते थे। उससे पहले दो साल लगते थे। इस बार केंद्र सरकार को आयोग के गठन से लेकर उसकी सिफारिशें पर विचार करना और उन्हें लागू करना, सब एक वर्ष के भीतर ही करना है।

केंद्रीय बलों ने आठवें वेतन आयोग की संभावित संदर्भ शर्तों (टीओआर) पर अपनी रिपोर्ट, सॉफ्ट और हार्ड कॉपी, दोनों में सौंपी है। विभिन्न बलों के कार्यालयों से प्राप्त रिपोर्ट, संबंधित फोर्स के महानिदेशक द्वारा केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजी जा रही है। वहां से यह रिपोर्ट वित्त मंत्रालय के पास पहुंचेगी। सीआरपीएफ के उत्तराखंड सेक्टर की तरफ से आठवें वेतन आयोग की संभावित संदर्भ शर्तों (टीओआर) पर कई सुझाव दिए गए हैं।

-फिटमेंट फैक्टर को कम से कम 2.86 किया जाए।
-केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को पैरामिलिट्री भत्ता दिया जाए
-केंद्रीय अर्धसैनिक बलों में पुरानी पेंशन लागू हो
-इन बलों में ‘वन रैंक वन पेंशन’ का प्रावधान हो
-बढ़ती हुई महंगाई दर को ध्यान में रखते हुए शिशु शिक्षण भत्ता बढ़ाया जाए और 12वीं कक्षा के बाद इसे स्नातक तक लागू किया जाए। यह संपूर्ण राशि आयकर से मुक्त की जाए।
-सीआरपीएफ कार्मिकों को मिलने वाले राशन भत्ते को आयकर सीमा से बाहर किया जाना चाहिए।
-सीआरपीएफ कार्मिकों को मिलने वाला जोखिम भत्ता भी आयकर की सीमा से बाहर हो
-केंद्रीय सरकारी कर्मचारी, जो आयकर भुगतान कर रहे हैं, उन्हें अन्य करों से मुक्त किया जाए, जैसे रोड टैक्स और वाहन टैक्स आदि
-सीआरपीएफ के एक ग्रुप सेंटर में कम से कम चार-पांच ड्यूटी बटालियन संबंद्ध हैं, जो अलग-अलग राज्यों/जिलों में पदस्थित हैं, लेकिन एक ही ग्रुप केंद्र होने के कारण कार्मिकों को स्थानान्तरण भत्ता तथा यात्रा अवधि नहीं दिया जाता है। अत: कार्मिकों को स्थानान्तरण भत्ता, बटालियन मुख्यालय के आधार पर किया जाए न कि संबंधित ग्रुप केंद्र मुख्यालय के आधार पर दिया जाए।
-द्वितीय कमान अधिकारी रैंक का पे स्केल लेवल 12 से अपग्रेड कर पे लेवल 13 ‘पे बैंड 4’, आर्मी संरचना के जैसा किया जाए।
-अधिकारी का आवास भत्ता, अन्य रैंक के पीवीआर के बराबर किया जाए।
-कार्मिक के आश्रित मां बाप की देखभाल के लिए एक मुफ्त स्पेशल लीव, जैसे सीसीएल की तरह प्रावधान किया जाए।

केंद्रीय बलों में ओपीएस देने पर नहीं बन रही बात … 

अलायंस ऑफ ऑल एक्स पैरामिलिट्री फोर्सेस वेलफेयर एसोसिएशन’ के अलावा विभिन्न केंद्रीय कर्मचारी संगठनों ने इन बलों में पुरानी पेंशन बहाल करने के लिए आवाज उठाई है। ओपीएस को लेकर केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के 11 लाख जवानों/अधिकारियों को अभी तक राहत नहीं मिल सकी है। इन बलों में ‘पुरानी पेंशन’ बहाली का मुद्दा, कई वर्षों से लगातार चर्चा में रहा है। संसद सत्र में भी यह मुद्दा उठाया गया। यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने अपने एक अहम फैसले में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों ‘सीएपीएफ’ को ‘भारत संघ के सशस्त्र बल’ माना था। हाईकोर्ट ने इन बलों में लागू ‘एनपीएस’ को स्ट्राइक डाउन करने की बात कही। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था, चाहे कोई आज इन बलों में भर्ती हुआ हो, पहले कभी भर्ती हुआ हो या आने वाले समय में भर्ती होगा, सभी जवान और अधिकारी, पुरानी पेंशन स्कीम के दायरे में आएंगे। केंद्र सरकार ने इस फैसले पर सुप्रीम कोर्ट में स्टे ले लिया था।

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