जून में हुए इजराइल-ईरान के बीच 12 दिनों के संघर्ष में इजराइल ने ईरान को घर में घुसकर नुकसान पहुंचाया है. इजराइल ने ईरान के वारिष्ठ अधिकारियों को उनके सुरक्षित ठिकानों में घुसकर मार गिराया था, इस संघर्ष के बाद से पूरी दुनिया में इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद की वह-वाही हो रही है. मोसाद ने ईरान के अधिकारियों और नेताओं को मारने के लिए ईरान में अपना खुफिया जाल बिछाया था.
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ईरानी पुलिस ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने इजराइल के साथ देश के युद्ध के दौरान लगभग 21 हजार संदिग्ध लोगों को हिरासत में लिया है. उन्होंने कहा कि ये गिरफ्तारियां जनता से मिली सूचनाओं के आधार पर की गई हैं. जबकि न्यायपालिका ने यह आंकड़ा 2 हजार के करीब बताया है.
पुलिस प्रवक्ता सईद मोन्टेज़रलमहादी ने सरकारी मीडिया को बताया कि ये गिरफ्तारियां राष्ट्रीय आपातकालीन लाइन 110 पर 7,850 रिपोर्ट मिलने के बाद की गई हैं. उन्होंने कहा, “12 दिनों के युद्ध में जनता की कॉल में 41 फीसद की वृद्धि और 21 हजार संदिग्धों की गिरफ्तारी, देश में सुरक्षा सुनिश्चित करने में लोगों की उच्च स्तर की सतर्कता और भागीदारी को दिखाती है.”
इजराइली के एजेंटों को पकड़ने के लिए 40 हजार पुलिसकर्मी तैनात
मोन्टेजरलमहादी ने कहा कि अधिकारियों ने संघर्ष के दौरान देश भर में 1 हजार से ज्यादा सामरिक चौकियां स्थापित की थीं और सड़कों और घटनास्थलों की चौबीसों घंटे सुरक्षा के लिए 40 हजार से ज़्यादा पुलिसकर्मियों को तैनात किए थे. उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों ने तेहरान के फिलिस्तीन स्क्वायर में एक नियोजित सभा को बाधित करने सहित ‘दुश्मन की जमीनी साज़िशों’ को नाकाम कर दिया था.
पुलिस प्रवक्ता ने एविन जेल में एक घटना के दौरान 127 फरार कैदियों को हिरासत में लिए जाने और बिना फटे बमों की ज़ब्ती की भी जानकारी दी है.
अवैध विदेशियों की भी हो रही गिरफ्तारी
ईरान पुलिस के प्रवक्ता ने बताया कि अधिकारियों ने 2,774 गैर-दस्तावेजी विदेशी नागरिकों को हिरासत में लिया, फोन जांच के ज़रिए 30 विशेष सुरक्षा मामले दर्ज पाए और जासूसी के संदेह में 261 लोगों और कथित अवैध फिल्मांकन के लिए 172 लोगों को गिरफ्तार किया.
हालांकि, न्यायपालिका प्रमुख गुलाम हुसैन मोहसेनी एजेई ने काफी कम आंकड़ा देते हुए कहा कि संघर्ष के दौरान और उसके बाद ‘करीब 2 हजार लोगों’ को गिरफ्तार किया गया, जिनमें से कुछ को दुश्मन के साथ सहयोग करने के आरोप में मौत की सजा का सामना करना पड़ रहा है.
