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December 6, 2025 10:10 pm

युवा उद्यमी मनीष बड़ोदिया हेलिकॉप्टर से लाए दुल्हनिया, दहेज में नारियल व 1रू लेकर रचाई शादी

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अ. भा. बैरवा महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामदयाल बड़ोदिया के पुत्र है मनीष, विवाह की चारों ओर हो रही सराहना

जयपुर। राजधानी जयपुर के प्रतिष्ठित उद्यमी न्यू जागृति सामाजिक सेवा संस्थान व अ.भा.बैरवा महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामदयाल बड़ोदिया के सुपुत्र युवा उद्यमी मनीष बड़ोदिया ने अपनी शादी को यादगार बनाने के साथ-साथ समाज को दहेज प्रथा के खिलाफ एक मजबूत संदेश दिया है। मनीष शुक्रवार को हेलिकॉप्टर से अपनी होने वाली पत्नी मोनिका को लेने आकोदा गांव पहुंचा, जहां ग्रामीणों की भीड़ ने हेलीपैड पर उनका भव्य स्वागत किया। इस अनोखी शादी में दहेज का नामोनिशान तक नहीं था, जो पूरे इलाके में चर्चा का विषय बन गया है।

हेलिकॉप्टर बना गांव में चर्चा का विषय:-

शादी की रस्में राजधानी जयपुर के आकोदा गांव में संपन्न हुईं, जहां हेलिकॉप्टर की आवाज से पूरा गांव गूंज उठा। हेलिकॉप्टर देखने गांव वालों का हुजूम उमड़ पड़ा। मनीष, जो जयपुर में एक स्वयं के प्रतिष्ठित विवाह संस्थान फर्म में कार्यरत हैं, ने दहेज नहीं लेकर एक अनूठी मिसाल कायम की है। उन्होंने कहा कि आज के दौर में यह संदेश देना जरूरी है कि प्यार और सम्मान ही शादी का आधार हैं।” मनीष ने दहेज के रूप में सिर्फ एक रुपया और एक नारियल स्वीकार किया, जो दंपति की सादगी को दर्शाता है।

एक रू व नारियल दहेज में लेकर किया विवाह:-

मनीष ने दहेज में एक रू व नारियल लेकर विवाह किया है। दुल्हन मोनिका जो एक फार्मासिस्ट हैं, के पिता पूरण देवतवाल जो हिंदुस्तान साभंर साल्ट मे ड्राइवर है , ने भी इस पहल की सराहना की। उन्होंने बताया, “मनीष के इस कदम से हमें गर्व महसूस हो रहा है। हमारी शादी न सिर्फ हमारा बंधन है, बल्कि समाज के लिए एक उदाहरण भी।” शादी के दौरान बारात में पारंपरिक राजस्थानी लोक नृत्य और संगीत की धूम रही, लेकिन हेलिकॉप्टर का आगमन सबसे बड़ा आकर्षण बना। ग्रामीणों ने मोबाइल फोन पर इस दृश्य को रिकॉर्ड किया, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।

स्थानीय प्रशासन और सामाजिक संगठनों ने भी इस शादी की तारीफ की है। पूर्व जयपुर नगर निगम चैयरमेन रामनिवास जोनवाल ने कहा, “ऐसी पहलें दहेज जैसी कुरीतियों को जड़ से समाप्त करने में मदद करेंगी।” यह शादी न केवल दोनों परिवार की प्रगतिशील सोच को दिखाती है, बल्कि राजस्थान जैसे राज्य में बदलते सामाजिक मूल्यों की झलक भी देती है, जहां पहले दहेज की मांग आम थी।
मनीष और कोमल की यह जोड़ी युवाओं के लिए प्रेरणा बनेगी, जो दिखाती है कि शादी में दिखावा नहीं, बल्कि सच्चा प्यार ही महत्वपूर्ण है। गौरतलब है कि मनीष के पिता रामदयाल बड़ोदिया सामाजिक सरोकार से जुड़े है व अब तक हजारों सर्वजातीय जोड़ों का नि:शुल्क विवाह करवा चुके है। बड़ोदिया को हाल ही में राजस्थान कांग्रेस कमेटी के अनुसूचित विभाग में उपाध्यक्ष पद पर नियुक्ति दी गई है ।

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