राजधानी दिल्ली के कथित शराब घोटाले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय ने राउज एवेन्यू कोर्ट में सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट के जरिए सबूत पेश किए. केजरीवाल और मनीष सिसोदिया को इस पूरे प्रकरण का मास्टरमाइंड बताते हुए ईडी ने कोर्ट के सामने कुछ ऐसी चीजें रखी, जिससे आने वाले दिनों में आम आदमी पार्टी के नेताओं की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
ईडी की सप्लीमेंट्री चार्जशीट में हवाला नेटवर्क के माध्यम से कैश ट्रांसफर के टोकन की कॉपी से जुड़े सबूत दिए गए हैं. चार्जशीट में ईडी ने प्रोसीड ऑफ क्राइम का भी जिक्र किया है, जिसमे बताया गया है कि आरोपी विनोद चौहान के मोबाइल से हवाला नोट नंबर के काफी स्क्रीन शॉट बरामद हुए हैं, जोकि इनकम टैक्स ने भी पहले बरामद किए थे. एक रुपये के नोट पर उसके नंबर के माध्यम से हवाला का कैश गोवा पहुंचाया गया.
इसके अलावा 100 रुपये के नोट के माध्यम से भी इसी तर्ज पर हवाला का पैसा गोवा पहुंचा था. ईडी का कहना है कि ये स्क्रीन शॉट दर्शाते हैं कि कैसे विनोद चौहान प्रोसीड ऑफ क्राइम यानी अपराध से अर्जित आय को दिल्ली से गोवा हवाला के जरिये ट्रांसफर कर रहा था. इस पैसे का इस्तेमाल आम आदमी पार्टी द्वारा गोवा चुनाव में किया जाना था.
हवाला के जरिए गोवा पहुंचे पैसे को वहां मौजूद चनप्रीत सिंह मैनेज कर रहा था. हवाला के जरिये गोवा भेजे गए पैसे को लेकर विनोद चौहान और अभिषेक बॉन पिल्लई के बीच जो बातचीत हुई उसके सबूत भी ईडी के पास मौजूद हैं. अशोक कौशिक जिसने अभिषेक बॉन पिल्लई के कहने पर नोटों से भरे दो बैग अलग-अलग तारीख पर विनोद चौहान को पहुंचाएं उसका बयान भी ईडी ने दर्ज किया है.
ईडी का कहना है की ये मनी ट्रेल सीधे तौर पर साबित करता है की कैसे अपराध से अर्जित पैसा जो की साउथ ग्रुप से बतौर रिश्वत दिया गया, आम आदमी पार्टी ने गोवा इलेक्शन में इस्तेमाल किया. ईडी के पास हवाला मनी ट्रांसफर से जुड़े विनोद चौहान और अभिषेक बॉन पिल्लई के बीच की व्हाट्सएप चैट भी मौजूद है, जिसमें हवाला टोकन मनी का स्क्रीन शॉट भी मुहैया कराया गया है.
पेश मामले में दिल्ली के सीएम केजरीवाल, पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया, के कविता, सहित कई अन्य आरोपी तिहाड़ जेल में बंद हैं. केजरीवाल को ईडी से जुड़े केस में निचली अदालत से बेल मिल चुकी है. हालांकि हाईकोर्ट ने इसपर अंतरिम रोक लगा दी है. सीबीआई भी दिल्ली सीएम को अरेस्ट कर चुकी है.
ईडी और सीबीआई का आरोप है कि आम आदमी पार्टी ने दिल्ली शराब नीति के माध्यम से दक्षिण भारत के व्यापारियों को फायदा पहुंचाया. 100 करोड़ के फायदे के बदले में इन व्यापारियों ने पार्टी को गोवा चुनाव 2022 में 45 करोड़ रुपये की मदद की थी.