हार्ट फेलियर, सडन कार्डियक अरेस्ट और हृदय संबंधी अन्य समस्याओं (cardiovascular health) के मामले दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं। हर रोज कई लोग हार्ट अटैक (heart attack) से अपनी जान गवा रहे हैं। बुजुर्ग ही नहीं आज की यंग जेनरेशन कार्डियोवैस्कुलर डिजीज के प्रति संवेदनशील होती जा रही है। कई ऐसे यंग सेलिब्रिटीज और फिटनेस फ्रीक हैं, जिनकी अर्ली डेथ की वजह हार्ट अटैक रही है। इसलिए हृदय संबंधी समस्याओं के प्रति सचेत रहना बहुत जरूरी है। इसके अलावा सभी को जरूरी हार्ट अटैक फर्स्ट एड से जुड़ी जानकारी होनी चाहिए।
आजकल के समय में जिम करते हुए या कहीं बाहर ट्रैवलिंग करते हुए भी लोगों को हार्ट अटैक आ रहे हैं। इसलिए इस तरह की आपातकालीन स्थिति के लिए खुद को तैयार रखें, क्योंकि फर्स्ट एड (first aid) की आवश्यकता कभी भी और कभी भी पड़ सकती हैं। जरूरी नहीं की इसकी आवश्यकता केवल आपको हो बल्कि दूसरों की सहायता के लिए भी हमें तैयार रहना चाहिए।
हेल्थ शॉट्स ने हार्ट फर्स्ट एड टिप्स को अधिक गंभीरता से समझने के लिए एसएएओएल (Science And Art Of Living) हार्ट सेंटर के डायरेक्टर और AIIMS के फाॅर्मर कंसल्टेंट डॉ विमल छाजेड़ से बात की। तो चलिए जानते हैं, डॉक्टर ने इमरजेंसी में कौन-कौन से टिप्स याद रखने की सलाह दी है।
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वर्ल्ड फर्स्ट एड डे
वर्ल्ड फर्स्ट एड डी को सितंबर के दूसरे शनिवार को सेलिब्रेट किया जाता है जो इस बार 14 सितंबर को है। लोगों के बीच फर्स्ट एड से जुड़े अवेयरनेस को बढ़ावा देने का एक प्रयास है। इसके तहत लोगों में इमरजेंसी सिचुएशन में लाइफ सेविंग स्किल्स को एनहांस करने के लिए अलग-अलग प्रोग्राम ऑर्गेनाइज्ड करवाए जाते हैं। इसके साथ ही बच्चों को स्कूल और कॉलेज में भी फर्स्ट एड से जुड़ी कई जानकारी दी जाती है।
एक्सपर्ट से जानें 6 महत्वपूर्ण हार्ट फर्स्ट एड टिप्स
1. सबसे महत्वपूर्ण लक्षणों की पहचान करें
सांस लेने में कठिनाई, चक्कर आना, हाथ, गर्दन, जबड़े या पीठ में दर्द, मतली और सीने में दर्द सामान्य लक्षण हैं। अगर किसी में ये लक्षण दिखें तो तुरंत कार्रवाई करें। वहीं यदि स्वयं ऐसा महसूस कर रही हैं, तो जितनी जल्दी हो सके किसी को इसकी जानकारी दें। यदि अकेले घर पर हैं, तो जो सबसे करीब हों उन्हें फौरन इनफॉर्म करें।
2. इमरजेंसी हेल्प के लिए कॉल करें
आपातकालीन सहायता के लिए तुरंत कॉल करें। दिल का दौरा पड़ने की स्थिति में, समय बहुत महत्वपूर्ण है, क्विक मेडिकल केयर से जान बच सकती है। कुछ इमरजेंसी नंबर को अपने फोन में से रखना चाहिए, ताकि आवश्यकता पड़ने पर आप इसका लाभ उठा सके।
यदि आपके आसपास के किसी व्यक्ति में हार्ट अटैक के लक्षण नजर आ रहे हैं और आपको कुछ समझ नहीं आ रहा तो कम से कम हेल्पलाइन नंबर पर तुरंत कॉल कर दें। ताकि आपको मदद मिल सके और साथ ही आसपास जितनी जल्दी मुमकिन हो मदद ढूंढने की कोशिश करें।
3. एस्पिरिन चबाएं
अगर मरीज को होश है और उसे इससे एलर्जी नहीं है, तो उन्हे चबाने और निगलने वाली एस्पिरिन दें। इससे हृदय की क्षति कम हो सकती है और रक्त पतला होता है। इस प्रकार आपको हॉस्पिटल पहुंचने और ट्रीटमेंट शुरू करवाने के लिए समय मिल जाता है। बिना एस्पिरिन आपको मुश्किल हो सकती है। हृदय संबंधी समस्याओं के खतरे को देखते हुए आपको हमेशा अपने फर्स्ट एड किट में एस्पिरिन रखने की सलाह दी जाती है।
4. शांत रहें और दूसरों को भी शांत करें
यदि आपमें या किसी और में हार्ट अटैक के लक्षण नजर आ रहे हैं, और अस्पताल पहुंचाने का इंतजार कर रही हैं, तो इस बीच जितना हो सके उतना शांत रहना जरूरी है। मरीज को बैठने और अपना संयम बनाए रखने में मदद करें। चिंता से स्थिति और खराब हो सकती है। वहीं यदि आपके साथ ऐसा हो रहा है, तो यह एक बेहद जरूरी फर्स्ट एड टिप है, कि खुद को पैनिक न होने दें। इससे आपके लिए रिकवर करना और ज्यादा मुश्किल हो सकता है।
5.सीपीआर
अगर व्यक्ति बेहोश हो जाता है और सांस नहीं ले पा रहा तो सीपीआर शुरू करें। छाती के बीच में बल और गति लगाते हुए जोर से दबाव बनाएं। हर मिनट 100 से 120 बार दबाव डालें। सहायता मिलने तक इसे जारी रखें। यह तकनीक आप सभी को सीखनी चाहिए। क्योंकि यह हर जगह उपलब्ध मिलेगी। यदि आप चाहे तो डॉक्टर से मिलकर भी इस तरीके का अभ्यास कर सकती हैं।
6. ए.ई.डी. का उपयोग करें
एक्सपर्ट के अनुसार यदि उपलब्ध हो तो ऑटोमेटेड एक्सटर्नल डिफाइब्रिलेटर (ए.ई.डी.) पर दिए गए निर्देशों का पालन करें। यह हृदय की लय को सामान्य करने में सहायता कर सकता है।