भारतीय वायुसेना को मल्टी रोल फाइटर एयरक्राफ्ट की जरूरत है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 8 से 10 जुलाई 2024 रूस में रहेंगे. राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात होगी. संभावना जताई जा रही है कि रूस एक फिर अपने सबसे खतरनाक फाइटर जेट Su-57 के ज्वाइंट प्रोडक्शन का प्रपोजल भारत को दे.
पिछले साल नवंबर में इस फाइटर जेट को बनाने वाली कंपना रोसोबोरोएक्सपोर्ट के सीआईओ ने भारत के सामने यह ऑफर रखा था. दिक्कत ये है कि भारतीय वायुसेना का AMCA प्रोजेक्ट पूरा होने में कम से कम दस साल लगेंगे. वहीं चीन के पांचवीं पीढ़ी के 200 फाइटर जेट्स है.
फिलहाल भारत का इंट्रेस्ट रूसी फाइटर जेट में नहीं है. क्योंकि भारत दो तरफ के फाइटर जेट की तैयारी में है. पहला AMCA और दूसरा TEDBF. Su-57 दुनिया के दस सबसे खतरनाक फाइटर जेट्स में दूसरे नंबर पर आता है. सुखोई Su-57 रूस का पहला स्टेल्थ एयरक्राफ्ट है. इसे एक पायलट उड़ाता है.
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इस फाइटर जेट की लंबाई 65.11 फीट, विंगस्पैन 46.3 फीट और ऊंचाई 15.1 फीट है. मैक्सिमम स्पीड 2135 KM/घंटा है. सुपरसोनिक रेंज 1500 KM है. यह 2019 से रूस के वायुसेना में शामिल है. रूस ने कुल मिलाकर अब तक 32 Su-57 फाइटर जेट्स बनाए हैं.
यह अधिकतम 66 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकता है. इसकी रेंज 3500 km है. अगर दो आउटबोर्ड फ्यूल टैंक लगाएं तो यह 4500 km तक जा सकता है. इसमें 30 मिमी की ऑटोकैनन लगी है. यह गन हर मिनट 1500 से 1800 गोलियां दाग सकती है. इस गन की रेंज 1800 मीटर तक है.
रूसी फाइटर जेट में 12 हार्डप्वाइंट्स हैं. 6 अंदर और 6 बाहर. जिसमें अलग-अलग तरह के हथियार लगाए जा सकते हैं. या फिर उनका मिश्रण बनाया जा सकता है. यानी रॉकेट, बम और मिसाइलें. इसमें हवा से हवा में मार करने के लिए R-77M, R-74M2 और R-37 मिसाइलें लगी होती हैं.
हवा से सतह में मार करने के लिए चार Kh-38M, चार Kh-59Mk2 मिसाइलें लगा सकते हैं. एंटी शिप मिसाइलों के लिए दो Kh-35U या 2 × Kh-31 का इस्तेमाल किया जा सकता है. इस फाइटर जेट में 4 × Kh-58UShK एंटी-रेडिएशन मिसाइलें लगा सकते हैं. इसके अलावा गाइडेड, अनगाइडेड, क्लस्टर बम, एंटी-टैंक बम और एक्टिव होमिंग बम लगाए जा सकते हैं.