टैरिफ वॉर के बीच तेजस के इंजन की सप्लाई अमेरिका की तरफ से रोक दी जाएगी? ये एक बड़ा सवाल है जो हालिया अमेरिका और भारत के बीच रूस से तेल खरीद को लेकर तनातनी के माहौल में सामने आई है।
तेजस के इंजन को लेकर अमेरिका के जेई के साथ जो कार्यक्रम चल रहा है उसको लेकर तमाम तरह की अटकलें सामने आ रही हैं। अमेरिका लगातार भारत के खिलाफ कोई न कोई बयान दे रहा है। इसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पहले तो 25 प्रतिशत टैरिफ और उसके बाद फिर और 25 प्रतिशत टैरिफ का ऐलान किया गया। 27 अगस्त से भारत पर 50 % का टैरिफ लगेगा।
लेकिन अभी 25 % टैरिफ लग रहा है। इन सब के बीच कहा जा रहा है कि रूस से तेल खरीदोगे तो कीमत चुकानी पड़ेगी। वहीं चीन को अमेरिका की तरफ से 90 दिनों की राहत भी दी गई है।
भारत पर टैरिफ ठोकने वाले ट्रंप एक तरफ रूस के सबसे बड़े तेल खरीदार चीन को 90 दिनों की मोहलत देते हैं वहीं पुतिन से 15 अगस्त को मुलाकात भी करने वाले हैं। कहा जा रहा है कि भारत के प्रोजेक्ट्स पर अमेरिका की नजर क्या टिक गई है और वो भारत को दबाने की कोशिश कर रहा है। ऐसे तमाम सवाल अमेरिका के कदमों के बाद उठने शुरू हो गए हैं।
भारत और अमेरिका के बीच के डिफेंस डील को लेकर कई तरह की खबरें आई। पहले कहा गया कि भारत ने रक्षा सौदों को खारिज कर दिया। फिर बताया गया कि ये गलत रिपोर्ट है और लगातार बातचीत लगातार जारी है। अब खबर ये आ रही है कि तेजस 1 ए लड़ाकू विमानों के लिए जो 404 इंजनों की डिलीवरी को तेज करने की बात सामने आ रही है।
बीते साल से ज्यादा देरी के बाद अब जीई 2 ही इंजन दे चुका है और तीन इंजन आने वाले हैं। जीई ने वादा किया है कि अक्टूबर से हर महीने 2 इंजन दिए जाएं। तेजस मार्क 1 विमानों के लिए भारत ने 99 इंजनों का पहला ऑर्डर दिया था लेकिन देरी की वजह से प्रक्रिया धीमी हो गई।
खबर है कि जीई अब हर महीने एक इंजन देगा और अक्टबर से 2-2 इंजनों की सप्लाई की जाएगी। इससे हिंदुस्तान एरोनॉटिकल लिमिटेड को विमान बनाने में मदद मिलेगी। इसके अलावा खबर ये भी है कि 97 और तेजस मार्क 1 विमानों के लिए अतिरिक्त और आर्डर की मंजूरी रक्षा मंत्रालय से मिल चुकी है। इन 97 विमानों के लिए एफ 404 इंजनों का अगला सौदा लगभग फाइनल हो गया है और अगस्त के अंत तक ये डील पूरी हो सकती है।
आपको बता दें कि 2021 में भारत ने तेजस Mk1A लड़ाकू विमानों को शक्ति प्रदान करने के लिए 99 F404-IN20 इंजन खरीदने हेतु जनरल इलेक्ट्रिक के साथ 716 मिलियन डॉलर का समझौता किया। हालाँकि, वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला संबंधी समस्याओं के कारण, जिसमें एक दक्षिण कोरियाई घटक आपूर्तिकर्ता से प्राप्त रुकावटें भी शामिल थीं, डिलीवरी कार्यक्रम में व्यवधान आया, जिसके कारण मूल समय-सीमा में देरी हुई।
संशोधित योजना के अनुसार, इंजनों की पूरी डिलीवरी अब मार्च 2026 तक लक्षित है। भारतीय वायु सेना ने तेजस बेड़े के लिए एक साहसिक रोडमैप तैयार किया है, जिसमें कुल 352 विमान शामिल करने की योजना है, जिसमें Mk1A और Mk2 दोनों संस्करण शामिल होंगे।