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November 14, 2025 11:49 am

पाकिस्तान, बांग्लादेश और तुर्की से बढ़ती नजदीकियों के पीछे क्या है वजह……’कहीं ट्रंप की दोस्ती भारत के लिए खतरा तो नहीं……

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अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इन दिनों फिर से सुर्खियों में हैं, लेकिन इस बार वजह है उनके व्यापारिक रिश्ते, जो भारत के विरोधी माने जाने वाले देशों—पाकिस्तान, बांग्लादेश और तुर्की—से जुड़ रहे हैं,  ट्रंप और उनके करीबी सहयोगी इन देशों में अरबों डॉलर के सौदों की संभावना देख रहे हैं,  ऐसे में यह सवाल उठना लाजिमी है कि क्या यह केवल व्यापार है या इसके पीछे कोई राजनीतिक चाल भी छिपी है?

डोनाल्ड ट्रंप के सहयोगियों ने हाल ही में पाकिस्तान के साथ क्रिप्टो करेंसी के क्षेत्र में सौदा किया, ट्रंप जूनियर के कॉलेज मित्र जेंट्री बीच जनवरी में पाकिस्तान पहुंचे थे,  पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने खुद उनकी मेजबानी की,  इस दौरान उन्होंने देश के खनिज, तेल, गैस और रियल एस्टेट सेक्टर में बड़े निवेश की संभावनाएं जताईं.

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बांग्लादेश और तुर्की में भी दिखा ट्रंप कैंप का रुझान

पाकिस्तान के बाद जेंट्री बीच बांग्लादेश पहुंचे, जहां उन्होंने अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस से मुलाकात की,  उन्होंने ढाका में तेल, गैस, रक्षा और रियल एस्टेट में भारी निवेश का वादा किया,  फिर वह तुर्की गए और इस्तांबुल में टेरा होल्डिंग के साथ खनन और ऊर्जा क्षेत्र में संयुक्त उद्यम स्थापित किया.

विवादों से रहा है पुराना नाता

जेंट्री बीच और ट्रंप परिवार पहले भी कई विवादों में रहे हैं,  2018 में बीच ने 2016 में ट्रंप के चुनाव प्रचार के लिए मोटी रकम जुटाई थी,  उन्होंने अमेरिकी प्रतिबंधों को हटाने और व्यापारिक सौदों को आगे बढ़ाने के लिए नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल पर दबाव भी डाला था.

पाकिस्तान को बनाना चाहते हैं क्रिप्टो हब

पाकिस्तान ने वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल के साथ एक क्रिप्टो डील की है,  इस कंपनी में ट्रंप परिवार की 60% हिस्सेदारी है,  पाकिस्तान में इसे ‘क्रिप्टो काउंसिल’ के तहत तेजी से स्थापित किया गया है, जिसका उद्देश्य इस्लामाबाद को दक्षिण एशिया की क्रिप्टो राजधानी बनाना है,  चौंकाने वाली बात यह है कि इस काउंसिल में Binance के फाउंडर चेंगपेंग झाओ को सलाहकार नियुक्त किया गया है.

पहलगाम हमले के बीच डील पर साइन

जब भारत के पहलगाम में आतंकी साजिशें रची जा रही थीं, उसी समय ट्रंप कैंप के सदस्य तुर्की और पाकिस्तान में अरबों डॉलर के सौदों पर हस्ताक्षर कर रहे थे. ऐसे में भारत के लिए यह चिंता का विषय है कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति के परिवार के लोग उसके विरोधी देशों में आर्थिक रिश्ते गहरा रहे हैं.

DIYA Reporter
Author: DIYA Reporter

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