Income Tax: इनकम टैक्स कानून के तहत होने वाले क्राइम को लेकर केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड यानी CBDT अपनी घोषणा में टैक्सपेयर्स को राहत दे दी है. सोमवार, 17 मार्च को CBDT ने बताया की इनकम टैक्स कानून के तहत सभी अपराधों को कंपाउंडेबल बना दिया गया है. इसका मतलब यह है कि अगर कोई टैक्सपेयर किसी इनकम टैक्स से जुड़े क्राइम में पकड़ाता है तो वह एक कुछ पैसे देकर कानूनी सजा से बच सकता है. आसान भाषा में कहें तो टैक्सपेयर पैसा देकर सेटलमेंट कर सकते हैं. हालांकि, ये सुविधा तभा मिलेगी जब अपराधी सारे नियम शर्तों को पूरा करता हो.
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सोमवार को केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने कहा कि इनकम टैक्स कानून के तहत सभी अपराधों को अब कंपाउंडेबल बनाया गया है, फिर भले ही वे मामलों में प्रवर्तन निदेशालय यानी ED या सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन यानी CBI जैसी एजेंसियां शामिल हों.
किन शर्तों पर हो सकेगा सेटलमेंट?
अगर इसके लिए अप्लाई करने वाला किसी भी राष्ट्र-विरोधी या आतंकवादी गतिविधि में शामिल नहीं पाया जाता है, तो इनकम टैक्स विभाग के अधिकारी उसके मामले को कंपाउंड कर सकते हैं.
लेकिन, अगर एप्लिकेंट पर इस तरह की गतिविधियों में शामिल होने का संदेह होता है, तो अपराध को कंपाउंड करने की अनुमति सिर्फ CBDT के चेयरमैन की मंजूरी से ही मिलेगी.
कंपाउंडिंग का मतलब क्या है?
कंपाउंडिंग एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें किसी टैक्सपेयर को को कानूनी सजा से बचने का मौका दिया जाता है, हालांकि इसके लिए उसे एक निश्चित राशि का पेमेंट करना पड़ता है. इससे टैक्सपेयर मुकदमेबाजी से बच सकता है.
कितनी बार कर सकते हैं कंपाउंडिंग के लिए अप्लाई?
टैक्सपेयर्स एक से ज्यादा बार कंपाउंडिंग के लिए अप्लाई कर सकता है. पहले, कंपाउंडिंग के लिए अप्लाई करने की समय सीमा 36 महीने थी, लेकिन अब सरकार ने इसे हटा दिया है. वहीं अगर किसी एप्लिकेशन में कोई गलती हो जाती है तो उसे फिर से ठीक कर अप्लाई किया जा सकता है.
कब किया जाता है अप्लाई?
टैक्सपेयर्स पर मुकदमा दायर होने के बाद से कंपाउंडिंग के लिए अप्लाई किया जा सकता है.
