राजधानी जयपुर में दूसरे राज्यों की निवासी और घर-घर काम करने वाली महिलाएं अचानक छुट्टी पर चली गई हैं। दरअसल, कई राज्यों में मतदाता सूचियों की विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया (एसआइआर) अपनाई जा रही है। ऐसे में वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने और एसआइआर प्रक्रिया को पूरा करने के लिए महिलाएं परिवार सहित अपने घरों को लौट गई हैं। दस्तावेज दिखाने और नाम पुन: अपडेट करवाने के लिए उन्हें अपने पैतृक स्थानों पर जाना जरूरी हो गया है। इसका असर उन घरों पर पड़ रहा है जहां ये महिलाएं झाड़ू-पोंछा और बर्तन साफ का काम करती हैं।
पुलिस आंकड़ों के अनुसार राजधानी जयपुर में करीब 50 हजार महिलाएं घरों में काम करती हैं। इनमें से अधिकतर पश्चिम बंगाल के अपने घर लौट गई हैं।
यह बोले, काम करने वाले परिवार के लोग
कूच बिहार जिले के बक्शीरहाट निवासी रतन बर्मन ने बताया कि वे वोटर लिस्ट में अपना नाम जुड़वाने के लिए जा रहे हैं। वहीं, बापू मांझी ने बताया कि उन्होंने ऑनलाइन ही अपना फॉर्म भर दिया था। रमेश का कहना है कि ज्यादातर वे लोग जा रहे हैं जिनके घर का कोई सदस्य वहां मौजूद नहीं है। ऐसे में वहां जाना उनकी मजबूरी हो गया है।
ऑफिस-प्रतिष्ठानों पर भी असर
सबसे अधिक परेशानी काम-काजी महिलाओं को हो रही है। निजी और सरकारी कार्यालयों में कार्यरत महिलाओं को ऑफिस के साथ-साथ घर का काम भी करना पड़ रहा है। वहीं, कुछ घरों में अधिक भुगतान कर दूसरी महिलाओं को काम पर रखना पड़ रहा है। इसका असर कार्यालयों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर भी पड़ रहा है, क्योंकि वहां साफ-सफाई का काम भी इन्हीं महिलाओं और पुरुषों के भरोसे चलता है।
अब खुद करना पड़ रहा है काम
अचIनक काम करने वाली महिलाएं छुट्टी पर चली गई हैं। ऐसी स्थिति में घरों में दिक्कत हो जाती है। ऐनवक्त पर काम करने के लिए महिलाएं नहीं मिलतीं। अब यह काम खुद करना पड़ रहा है।
भारती जोशी, गृहिणी
मतदाता सूची में नाम जुड़वाना है
घर में काम करने वाली ने बताया कि वह परिवार के साथ अपने गांव जा रही है। मतदाता सूची में नाम जुड़वाना है। वापस आने में उसे 15 दिन लग जाएंगे। घर में काम की दिक्कत हो गई है।
राजू बंडेला, गृहिणी






