डॉक्टरों अनुवांशिक रूप से संशोधित सूअर की किडनी का जीवित इंसान में पहला प्रत्यारोपण करने में सफलता हासिल की है। उन्होंने गुरुवार को इसकी जानकारी दी है। मेडिकल क्षेत्र की बड़ी सफलता ने किडनी की बीमारी से जूझ रहे लोगों के लिए संभावना के नए द्वार खोल दिए हैं। शनिवार को मैसेच्युसेट्स जनरल अस्पताल में चली 4 घंटे की सर्जरी में डॉक्टरों ने इस उपलब्धि को हासिल किया। 1954 में इसी अस्पताल में दुनिया का पहला किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था। डॉक्टरों ने बताया कि 62 वर्षीय रिक स्लेमैन की हालत में सुधार हो रहा है और जल्द ही उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज किया जा सकता है।
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डॉक्टरों ने बताया कि नई किडनी वर्षों तक चल सकती है, लेकिन साथ ही ये भी स्वीकार किया कि जानवरों से मानवों में प्रत्यारोपण में अभी भी कई बातों का पता लगाया जाना बाकी है। फिलहाल, इस सफलता से भविष्य में पशुओं के अंगों के अधिक ट्रांसप्लांट की उम्मीद जगी है। इसके पहले ब्रेन-डेड लोगों में परीक्षण के तौर पर सुअर की किडनी प्रत्यारोपित की जा चुकी है, लेकिन जीवित मनुष्य में इस तरह का ये पहला मामला है।