‘बनराकस- देख रहा है विनोद नॉर्मलाइजेशन की आड़ में कैसे युवाओं को अधिकारी से आंदोलनकारी बना दिया। विनोद- देख तो माननीय योगी आदित्यनाथ भी देख रहे हैं, युवाओं की मजबूरी है, आंदोलन के अलावा कर भी क्या सकते हैं।’
आयोग के गेट नंबर-दो के बाहर लटके बैनर में विनोद और बनराकस के बीच का यह संवाद आंदोलन में शामिल किसी अभ्यर्थी ने गढ़ा है। अभ्यर्थियों ने पंचायत वेब सिरीज के इन दो किरदारों के जरिये उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग और प्रदेश सरकार पर तंज कसते हुए मुख्यमंत्री तक अपनी बात पहुंचाने की कोशिश की है।
बैनर पर ‘वन डे वन शिफ्ट’ परीक्षा की भी मांग की गई है। अभ्यर्थियों की नजरें अब मुख्यमंत्री पर टिकी हैं। यूपीपीएससी के गेट नंबर-दो के सामने ऐसे ही तमाम पोस्टर और बैनर धरने के तीसरे दिन बुधवार को आयोग की दीवारों पर चस्पा और जगह-जगह टंगे नजर आए। सुबह 10 बजे तक धरना स्थल पर सैकड़ों छात्र मौजूद थे और दोपहर तक इनकी संख्या हजारों में पहुंच गई।
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शाम को कोचिंग से छूटने के बाद आयोग के गेट नंबर-दो से लोक सेवा आयोग चौराहे तक सड़क पर ठीक से पैदल चलने की जगह भी नहीं बची। शाम के वक्त नजारा दशहरे के किसी मेले जैसा था। कुंभ की तैयारियों के बीच सड़क के बीच डिवाइडर पर लगी रंगबिरंगी लाइटों में युवाओं का ‘कुंभ’ नजर आया। एक तरफ छात्र जगह-जगह सड़क पर घेरा बनाकर बैठे रहे और नॉर्मलाइजेशन (मानकीकरण) के नुकसानों पर चर्चा करते रहे तो दूसरी ओर आयोग के गेट के ठीक सामने ढोल-नगाड़ों के बीच छात्र अलग अंदाज में अपनी मांग पर अड़े रहे। देर रात तक यह सिलसिला जारी रहा।
शाम को बेटियों ने किया आंदोलन का नेतृत्व
बुधवार शाम धरना स्थल पर बड़ी संख्या में छात्राएं पहुंच गईं और उनकी अगुवाई में धरने को आगे बढ़ाया गया। छात्राएं भी नारेबाजी में पीछे नहीं रहीं। छात्रों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर बेटियों ने भी साफ कहा कि जब तक एक दिन की परीक्षा कराने और नॉर्मलाइजेशन निरस्त करने की मांग पूरी नहीं होती, आयोग के सामने डटी रहेंगी।
अहा टमाटर बड़े मजेदार, नॉर्मलाइजेशन है बेकार
अहा टमाटर बड़े मजेदार, नॉर्मलाइजेशन है बेकार। वन डे-वन शिफ्ट।’ बुधवार को उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के सामने कई अभ्यर्थियों के हाथोंे में यह स्लोगन लिखा पोस्टर नजर आया। एक छात्रा के हाथ में पोस्टर था, जिस लिखा था कि यूपीसीएस आरओ/एआरओ वन डे-वन शिफ्ट, नो नॉर्मलाइजेशन, न बटेंगे न हटेंगे, जुड़ेंगे और जीतेंगे।
