8th Pay Commission: सरकारी कर्मचारियों की लम्बे समय से 8वें वित्त आयोग की मांग थी। मोदी सरकार ने पिछले दिनों सरकारी कर्मचारियों को तोहफा देते हुए 8वें वित्त आयोग का ऐलान किया। अब इस बात की चर्चा खूब हो रही है कि 8 पे कमीशन के लागू होने का असर सरकारी कर्मचारियों पर कितना पड़ेगा। उनकी सैलरी कितनी बढ़ेगी। वह फैक्टर क्या होगा जिससे 8 पे कमीशन में सैलरी तय की जाएगी। आइए समझते हैं विस्तार से
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पे स्केल के मर्जर की सुझाव
सरकारी कर्मचारियों के पे स्केल एक से 6 तक के मर्जर का सुझाव दिया गया है। अगर ऐसा होता है तो पे ग्रेड्स काफी सरल हो जाएगा। नेशनल ज्वाइंट कंसल्टेटिव मकेनिज्म ने लेवल एक कर्मचारियों को लेवल 2, लेवल 3 का लेवल 4 और लेवल 5 का लेवल 6 से मर्ज करने की सलाह दी है।
फिटमेंट फैक्टर से तय होगी सैलरी
उम्मीद की जा रही है तमाम सलाहों के आधार पर 2.86% फिटमेंट फैक्टर हो सकता है। जेसीएम स्टाफ ने अपनी सलाह में कहा है कि 7वें पे कमीशन के दौरान फिटमेंट फैक्टर 2.57 प्रतिशत रहा था। ऐसे में इस बार इससे कम नहीं होना चाहिए। इसके अलावा जेसीएमल स्टाफ ने कहा है कि लेवल एक हो या फिर 6 सभी के लिए एक बराबर फिटमेंट फैक्टर अपनाया जाए।
7वें पे कमीशन के दौरान लेवल एक के लिए 2.57 प्रतिशत फिटमेंट फैक्टर रहा था। वहीं, लेवल 2 के लिए 2.62 प्रतिशत, लेवल तीन के लिए 2.67 प्रतिशत, लेवल 4 के लिए 2.72 प्रतिशत फिटमेंट फैक्टर रहा था। उच्च स्तर पर 7वें पे कमीशन के लिए फिटमेंट फैक्टर 2.81 प्रतिशत रहा था।
क्या हो सकती है सैलरी?
लेवल एक कर्मचारियों के लिए कम से कम महीने की सैलरी 18000 रुपये हो सकती है। फिटमेंट फैक्टर 1.92 प्रतिशत पर कम से कम सैलरी 18000 से बढ़कर 34650 रुपये, फिटमेंट फैक्टर 2.08 पर सैलरी कम से कम 18000 रुपये से बढ़कर 37440 रुपये, फिटमेंट फैक्टर 2.86 प्रतिशत पर मिनिमम सैलरी 18000 रुपये से बढ़कर 51480 रुपये हो सकती है। बता दें, अधिक पे ग्रे पर अधिक सैलरी कर्मचारियों को मिलेगी।
