महाराष्ट्र के मंत्री उदय सामंत ने दावा किया था कि उद्धव गुट के कई मौजूदा और पूर्व विधायक और छह सांसद शिंदे गुट में शामिल होने के लिए बातचीत कर रहे हैं। इसके बाद ठाकरे ने शिंदे को चुनौती दी
शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने शुक्रवार को अपनी पार्टी के पूर्व नेता और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) को खुली चुनौती दी। अपनी पार्टी के सदस्यों के शिंदे की शिवसेना में शामिल होने की मीडिया रिपोर्टों पर प्रतिक्रिया देते हुए, ठाकरे ने शिंदे को चुनौती देते हुए कहा कि अगर वह ‘मर्द की औलाद’ हैं, तो उन्हें ईडी, सीबीआई, आयकर और पुलिस को अलग रखना चाहिए और आकर उनसे लड़ना चाहिए। समाचार एजेंसी एएनआई (ANI) की रिपोर्ट के मुताबिक उद्धव ठाकरे ने कहा “यदि आप (एकनाथ शिंदे और भाजपा) मर्द की औलाद हैं तो ईडी, सीबीआई, आयकर और पुलिस को अलग रखें और आएं और हमारे साथ लड़ें। हम आपको दिखाएंगे कि असली शिवसेना कौन सी है।
ठाकरे ने आगे चेतावनी दी कि अगर शिंदे ने “अब हमें तोड़ने का प्रयास किया, तो हम आपका सिर तोड़ देंगे।”
ठाकरे की ओर से सख्त चेतावनी तब आई जब महाराष्ट्र के मंत्री उदय सामंत (Uday Samant) ने दावा किया था कि शिव सेना (यूबीटी) के कई मौजूदा और पूर्व विधायक और छह सांसद शिंदे के नेतृत्व वाली शिव सेना में शामिल होने के लिए बातचीत कर रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक, शिंदे के नेतृत्व वाला शिवसेना गुट इसे हासिल करने के लिए ऑपरेशन टाइगर का नेतृत्व कर रहा है। डिप्टी सीएम ने इस बात की पुष्टि की है कि ऑपरेशन टाइगर (Operation Tiger) की तैयारी पूरी हो चुकी है। बता दें कि शिवसेना (यूबीटी) के लोकसभा में नौ और राज्यसभा में दो सदस्य हैं।
सांसदों ने यूबीटी गुट के प्रति अपनी निष्ठा जताई
शुक्रवार को, शिवसेना (यूबीटी) के लोकसभा सदस्यों – अरविंद सावंत, अनिल देसाई, ओमराजे निंबालकर, भाऊसाहेब वाकचौरे, राजाभाऊ वाजे, संजय जाधव, नागेश अष्टिकर और संजय देशमुख ने पार्टी के प्रति अपनी निष्ठा जताने के लिए एक ज्वाइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस की।
सावंत ने जोर देकर कहा कि शिवसेना (यूबीटी) के किसी भी सांसद को कोई फोन नहीं आया। उन्होंने ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी से बड़े पैमाने पर पलायन के बारे में “अफवाह फैलाने” के प्रयासों की निंदा की। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि शिवसेना (यूबीटी) सांसद कठिन समय में पार्टी के साथ थे और आगे भी रहेंगे।
शिव सेना में फूट
नवंबर में महाराष्ट्र में भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति के सत्ता में आने के बाद से दोनों संगठनों में मनमुटाव चल रहा है। विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन को 288 सदस्यीय विधानसभा में सिर्फ 46 सीटें मिलीं थी।
शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में 57 सीटें जीतीं और ठाकरे के नेतृत्व वाले संगठन पर बढ़त हासिल की। ठाकरे गुट ने 288 सदस्यीय विधानसभा में सिर्फ 20 सीटें हासिल कीं।
बता दें कि जून 2022 में उद्धव ठाकरे को बड़ा झटका लगा जब वरिष्ठ नेता एकनाथ शिंदे के विद्रोह के बाद उनकी पार्टी दो हिस्सों में बंट गई। पार्टी के 56 में से 40 विधायक शिंदे गुट में शामिल हो गए, जिसके कारण उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार (MVA government) गिर गई।
यह विद्रोह भाजपा द्वारा रचा गया था, जिसने शिंदे को अगली सरकार में मुख्यमंत्री बनाया। शिंदे के गुट को चुनाव आयोग और विधानसभा अध्यक्ष ने मूल शिवसेना के रूप में मान्यता दी थी।
शिंदे गुट को शिवसेना का चुनाव चिन्ह धनुष और तीर भी आवंटित किया गया था। उद्धव ठाकरे को अपने गुट का नाम बदलकर शिवसेना (यूबीटी) रखना पड़ा। फिलहाल पार्टी के आधिकारिक नाम और चुनाव चिन्ह का मुद्दा कोर्ट में है क्योंकि उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
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