Uber Video Recording Feature: उबर ने भारत में अपने ड्राइवरों और यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। कंपनी ने एक नया इन-ऐप वीडियो रिकॉर्डिंग फीचर लॉन्च किया है, जिसकी मदद से ड्राइवर सफर के दौरान वीडियो रिकॉर्ड कर सकेंगे। यह फीचर खास तौर पर उन स्थितियों में मदद करेगा जहां ड्राइवरों को गलत शिकायतों या बदसलूकी के आरोपों का सामना करना पड़ता है। शुरुआत में यह फीचर देश के 10 शहरों में पायलट के रूप में जारी किया गया है।
क्यों जरूरी है Uber Video Recording फीचर?
कई उबर ड्राइवरों ने बताया कि उन्हें अक्सर ऐसी स्थितियों का सामना करना पड़ता है जहां कुछ यात्री छोटी-छोटी बातों पर अनुचित शिकायत करने की धमकी देते हैं। इस वजह से ड्राइवरों पर जुर्माना लगता है और कई बार अकाउंट भी अस्थायी रूप से बंद हो जाता है।
ड्राइवरों का कहना है कि वीडियो रिकॉर्डिंग से अब उनके पास सबूत रहेगा, ताकि किसी विवाद की स्थिति में वे प्रशासन या कंपनी के सामने अपनी बात स्पष्ट कर सकें।
कैसे काम करेगा Uber Video Recording फीचर?
- जब ड्राइवर वीडियो रिकॉर्डिंग शुरू करेगा, तब यात्री को उसी समय उसके फोन पर एक नोटिफिकेशन मिल जाएगा कि यात्रा रिकॉर्ड की जा रही है।
- रिकॉर्डिंग ड्राइवर के ही फोन में सुरक्षित रहेगी।
- यह डबल-एन्क्रिप्टेड है यानी कोई भी इसे सीधे नहीं देख सकता है यहां तक कि उबर भी नहीं।
- यदि ड्राइवर ने 7 दिनों के भीतर इसे किसी सुरक्षा रिपोर्ट में शेयर नहीं किया, तो वीडियो अपने आप डिलीट हो जाएगी।
- कंपनी का कहना है कि यह फीचर पारदर्शिता बढ़ाएगा और दोनों पक्षों को सुरक्षित महसूस कराएगा।
उबर ने फिलहाल इस फीचर को देश के चुनिंदा 10 शहरों में पायलट के रूप में शुरू किया है। इनमें दिल्ली, बेंगलुरु, चेन्नई, चंडीगढ़, हैदराबाद, जयपुर, लखनऊ, कोलकाता और मुंबई शामिल हैं। कंपनी का कहना है कि एक और शहर को इस सूची में जोड़ा जाएगा, जिसकी घोषणा जल्द की जाएगी।
यह फीचर आगे और शहरों में भी बढ़ाया जा सकता ह लेकिन यह निर्णय कुछ महीनों तक पायलट की सफलता देखने के बाद लिया जाएगा।
सुरक्षा पर UBER का बढ़ता फोकस
उबर हाल के महीनों में सुरक्षा से जुड़े कई अपडेट जारी कर चुका है। पहले ऑडियो रिकॉर्डिंग फीचर आया, फिर टीन और सीनियर सिटीजन सेफ्टी फीचर्स जोड़े गए। अब वीडियो रिकॉर्डिंग को भी कंपनी अपनी सुरक्षा रणनीति का महत्वपूर्ण हिस्सा मान रही है।
क्या है आगे का प्लान?
कंपनी यह देखना चाहती है कि ड्राइवर और यात्री इस फीचर को कितना स्वीकार करते हैं। अगर पायलट सफल रहा, तो आने वाले समय में इसे पूरे देश में लागू किया जा सकता है।





