राजस्थान के जयपुर ग्रामीण जिले के दूदू उपखंड क्षेत्र में एक बार फिर अपराध की आहट ने स्थानीय निवासियों को दहला दिया है. नरैना-श्रीरामपुरा मार्ग पर स्थित एक खेत में चारे की पुली के अंदर छिपा एक काला बैग मिलने से इलाके में हड़कंप मच गया. बैग की तलाशी लेने पर उसमें से दो अवैध पिस्टल, चार खाली मैगजीन और 21 जिंदा कारतूस बरामद हुए. यह खोज ग्रामीणों की सूचना पर की गई, जिसके बाद पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए हथियारों को जब्त कर लिया. घटना की सूचना मिलते ही न केवल स्थानीय पुलिस बल पहुंचा, बल्कि एफएसएल टीम, डॉग स्क्वायड और वरिष्ठ अधिकारी भी मौके पर पहुंचे. अज्ञात बदमाशों के खिलाफ नरैना थाने में आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है. पुलिस अब हथियारों के पीछे छिपे बड़े षड्यंत्र का पर्दाफाश करने में जुटी हुई है.
नरैना थाना प्रभारी महेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि बुधवार दोपहर करीब 2 बजे एक ग्रामीण ने थाने को फोन पर सूचना दी कि नरैना-श्रीरामपुरा मार्ग पर एक खेत में संदिग्ध काला बैग पड़ा हुआ है. सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर रवाना हुई. खेत पहुंचकर जांच करने पर पता चला कि बैग चारे की पुली के नीचे अच्छी तरह छिपाया गया था. बैग को सावधानीपूर्वक खोला गया, तो उसके अंदर दो पिस्टल (कैलिबर 9 एमएम), चार मैगजीन (जिनमें दो भरी हुई थीं) और 21 जिंदा कारतूस मिले, जो हथियार अवैध थे. शेखावत ने कहा कि यह बैग इतनी सफाई से छिपाया गया था कि सामान्य नजरों से बच जाता. ग्रामीणों की सतर्कता ने समय रहते इस खतरे को टाल दिया.
एफएसएल की टीम ने जुटाए साक्ष्य
घटना की गंभीरता को भांपते हुए उच्च अधिकारियों को तुरंत सूचित किया गया. दूदू एएसपी शिवलाल बैरवा, सांभर सीओ अनुपम मिश्रा के अलावा एफएसएल टीम और डॉग स्क्वायड भी घटनास्थल पर पहुंचे. एफएसएल विशेषज्ञों ने बैग, हथियारों और आस-पास के क्षेत्र से फिंगरप्रिंट्स, डीएनए सैंपल और अन्य साक्ष्य संग्रहित किए. डॉग स्क्वायड के कुत्तों ने खेत के आस-पास स्निफिंग की, लेकिन अभी तक कोई अतिरिक्त विस्फोटक या हथियार नहीं मिले. बैरवा ने बताया कि हथियारों की गुणवत्ता और मार्किंग से लगता है कि ये अंतरराष्ट्रीय स्मगलिंग नेटवर्क से जुड़े हो सकते हैं. मुखबिरों की मदद से आरोपियों की तलाश कर रहे हैं. जांच में यह भी सामने आया कि बैग का मालिक संभवतः रात के अंधेरे में इसे छिपाने आया था, क्योंकि चारे की पुली हाल ही में हिलाई गई थी.
पिछले साल दूदू क्षेत्र में ही दो अलग-अलग मामलों में पांच अवैध तमंचे और दर्जनों कारतूस जब्त किए गए थे, जो स्थानीय गुंडागर्दी और लैंड माफिया से जुड़े थे. RAJASTHAN जैसे सीमावर्ती राज्य में अवैध हथियारों का कारोबार सिंडिकेट्स द्वारा संचालित होता है, जो पंजाब, हरियाणा और पाकिस्तान की सीमा से हथियारों की तस्करी करते हैं. नरैना थाना क्षेत्र में पहले भी लैंड डिस्प्यूट और पारिवारिक रंजिशों के कारण गोलीबारी की घटनाएं दर्ज हैं. इस बार हथियारों की संख्या और प्रकार से संकेत मिलता है कि यह कोई छोटा-मोटा मामला नहीं, बल्कि संगठित अपराध का हिस्सा हो सकता है. स्थानीय किसानों ने चिंता जताई है कि खेतों में ऐसी गतिविधियां फसलों और किसानों की सुरक्षा को खतरे में डाल रही है. फिलहाल, नरैना थाने में दर्ज एफआईआर में धारा 3/25 आर्म्स एक्ट के तहत अज्ञात आरोपियों को नामजद किया गया है. जांच अधिकारी शेखावत ने आश्वासन दिया कि 48 घंटों में ब्रेकथ्रू मिलेगा.
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