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October 15, 2025 5:22 pm

ट्रंप ने चलाया चाबुक, शहबाज के अमीर बनने का सपना टूटा……’अमेरिकियों से एक रात का 17000 रुपए वसूल रहा था पाकिस्तान……

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अमेरिका ने एक ऐसा फैसला लिया है, जो पाकिस्तान के लिए किसी झटके से कम नहीं है. अमेरिका ने पाकिस्तान के एक होटल को मिलने वाले करोड़ों डॉलर की डील को खत्म कर दिया है. न्यूयॉर्क सिटी ने पाकिस्तान के स्वामित्व वाले रूजवेल्ट होटल के साथ 220 मिलियन डॉलर (19 अरब रुपए) के लीज कॉन्ट्रैक्ट को खत्म कर दिया. यह होटल प्रवासियों के लिए शेल्टर की तरह काम आता था. ऐसे लोग जो अवैध रूप से अमेरिका में घुसकर शरण चाहते थे, उन्हें यहां ठहराया जाता था. डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों की तीव्र प्रतिक्रिया के बाद यह फैसला लिया गया है.

संघीय प्रशासन और मेक अमेरिका ग्रेट अगेन (MAGA) कट्टरपंथियों के दबाव का सामना करते हुए, मेयर एरिक एडम्स ने इस फैसिलिटी को बंद करने की घोषणा की है. जो बाइडेन प्रशासन ने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था, जिसके बाद वह ट्रंप के करीब हो गए. ऐतिहासिक होटल को इमरजेंसी शेल्टर के रूप में पुन: उपयोग किया गया था, जिसमें एक रात रुकने की लागत 200 डॉलर (17,362 रुपए) है. इसमें 1,025 कमरों में हजारों प्रवासियों को रखा गया था.

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‘अमेरिकी टैक्सपेयर को होगा फायदा’

न्यूयॉर्क में बड़े पैमाने पर प्रवासियों की संख्या में कमी हुई है. 2023 में एक ऐसा भी समय था जब हर सप्ताह 4000 अप्रवासी आते थे, जो अब 350 तक पहुंच गया है. मेयर एडम्स ने कहा कि इससे अमेरिकी करदाताओं के लाखों डॉलर बचेंगे. पाकिस्तानी सरकार के साथ इस समझौते के कारण अमेरिकी सरकार को आलोचना का सामना करना पड़ा था. बिजनेसमैन और पूर्व रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार विवेक रामास्वामी इस डील के सबसे मुखर आलोचक थे. उन्होंने इस व्यवस्था को पैसों की बर्बादी बताया था.

कौन है होटल का मालिक

विवेक रामास्वामी ने एक्स पर इसे लेकर लिखा था, ‘अवैध प्रवासियों के लिए जिस होटल को करदाताओं के धन से चलाया जाता है, वह पाकिस्तानी सरकार के स्वामित्व में है, जिसका मतलब है कि NYC करदाता प्रभावी रूप से हमारे अपने देश में अवैधों को रखने के लिए एक विदेशी सरकार को भुगतान दे रही है. यह पागलपन है.’ न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (PIA) के पास इस होटल का मालिकाना हक है, जिसने साल 2000 में इसे खरीदा था. PIA पाकिस्तान की सरकारी एयरलाइन कंपनी है. इस डील को लेकर लोग सवाल करते रहे हैं कि जब अमेरिका हाउसिंग क्राइसिस देख रहा है तब आखिर एक विदेशी सरकार को पैसे क्यों दिए गए.

Seema Reporter
Author: Seema Reporter

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