राजकोट, 13 नवंबर 2025: भारत सरकार के निर्देशानुसार महानायक और स्वतंत्रता सेनानी भगवान बिरसा मुंडा जी की 150वीं जन्म जयंती के रूप में जनजातीय गौरव दिवस पर राजकोट मंडल में कार्मिक विभाग द्वारा विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। जगजीवन राम इंस्टीट्यूट में हुए इस आयोजन में मंडल रेल प्रबंधक श्री गिरिराज कुमार मीना मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे, जबकि सैकड़ों रेलकर्मी, अधिकारी और एसोसिएशन प्रतिनिधि शामिल हुए। कार्यक्रम ने आदिवासी संस्कृति, स्वतंत्रता संग्राम और सामाजिक जागरूकता पर जोर दिया।
कार्यक्रम की शुरुआत भगवान बिरसा मुंडा जी की तस्वीर पर दीप प्रज्वलन से हुई, जिसमें मंडल रेल प्रबंधक श्री गिरिराज कुमार मीना, अपर मंडल रेल प्रबंधक श्री कौशल कुमार चौबे के साथ कैप्टन आर सी मीना (वरिष्ठ मंडल संरक्षा अधिकारी), श्री नरेंद्र सिंह (वरिष्ठ डीईएन को-ऑर्डिनेशन), वरिष्ठ डीएसटीई, श्री राजकुमार शर्मा (सीएमएस), डीएससी तथा अन्य सहायक अधिकारी, ट्रेड यूनियन और एसोसिएशन के पदाधिकारी शामिल हुए। सहायक मंडल कार्मिक अधिकारी श्री भूपत चावड़ा ने स्वागत उद्बोधन दिया, जबकि वरिष्ठ मंडल संरक्षा अधिकारी श्री आर सी मीना ने मंडल रेल प्रबंधक का स्वागत किया।
ऑल इंडिया एससी/एसटी रेलवे एम्प्लॉयी एसोसिएशन के मंडल अध्यक्ष श्री नमोनारायण मीना ने भगवान बिरसा मुंडा जी के जीवन और संघर्ष पर प्रकाश डाला। ओबीसी एसोसिएशन के मंडल सचिव श्री नवरंग लाल ने जनजातीय गौरव दिवस के महत्व पर अपनी बात रखी। मुख्य अतिथि श्री गिरिराज कुमार मीना ने उपस्थित रेल परिवार को शुभकामनाएं देते हुए कहा, “भगवान बिरसा मुंडा जी ने स्वतंत्रता संग्राम और आदिवासी समाज की कुरीतियों को मिटाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। भारत सरकार द्वारा इस विशेष दिवस को मनाने का उद्देश्य आदिवासी समुदाय के गौरव को रेखांकित करना है। हमें उनकी विरासत को आगे बढ़ाना चाहिए।”
उपस्थित अन्य प्रमुख व्यक्तियों में WREU के मंडल सचिव मयूर गढ़वी, SC/ST एसोसिएशन के जोनल वर्किंग प्रेसिडेंट श्री बी आर सरगरा, मंडल सचिव श्री गौतम कुमार चौहान शामिल रहे। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण शासण गिर सोमनाथ की आदिवासी टीम का सांस्कृतिक प्रदर्शन रहा, जिसमें जनजातीय कलाओं ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। सहायक मंडल कार्मिक अधिकारी श्री के के दवे ने आभार ज्ञापित किया।
यह आयोजन न केवल बिरसा मुंडा जी के योगदान को याद करने का माध्यम बना, बल्कि रेलकर्मियों में सामाजिक एकता और सांस्कृतिक जागरूकता को बढ़ावा देने वाला साबित हुआ। मंडल रेल प्रबंधक ने कहा कि ऐसे कार्यक्रम भविष्य में भी जारी रहेंगे।






