जनवरी 24, बुधवार
“जिह्वा सुलगती अग्नि है, और वाचालता घातक विष है। भौतिक अग्नि शरीर को भस्म करती है जबकि जिह्वा की आग हृदय और आत्मा दोनों को जला डालती है। पहले का प्रभाव मात्र एक बार तक रह जाता है, किन्तु दूसरी के प्रभाव सौ वर्ष तक बने रहते हैं।”
———— बहाउल्लाह
