“अपनी जिह्वा को ऐसे वचनों का प्रयोग करने से रोक जिसे बोलकर तू दु:ख का अनुभव करे, और ईश्वर से उसकी कृपा की याचना कर. सच ही वह पूर्णतया न्याय का परखी है क्योंकि वह ऐसे सेवकों के साथ है जिनका उन पर सच्चा विश्वास है और वह बुरे कृत्य करने वालों के कार्यों से अनजान नहीं है क्योंकि स्वर्ग और पृथ्वी पर जो कुछ भी है वह उसके ज्ञान से परे नहीं रह सकता।”
———– दिव्यात्मा बाब