“ऐ लोगो ! ऐसा कोई भी काम न करो जिससे तुम्हें लज्जित होना पड़े अथवा लोगों की दृष्टि में प्रभुधर्म का अपमान हो। तुम षड्यंत्र रचने वालों में न बनो। उन वस्तुओं की ओर न बढ़ो जिन्हें तुम्हारा मस्तिष्क तिरस्कृत मानता हो। उन सभी छल—कपटों से दूर रहो जिन्हें प्रभु ने अपनी पवित्र पुस्तक में निषिद्ध बतलाया है।”
————– बहाउल्लाह
Author: Sanjeevni Today
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