मई 10, शुक्रवार
“समृद्धि में उदार बनो और विपत्ति में कृतज्ञ बनो। अपने पड़ोसी के विश्वास के योग्य बनो और उसे प्रसन्नता तथा मित्रता के भाव से देखो। निर्धनों के लिए खजाना और धनवानो के लिए सचेतक बनों, अभावग्रस्तों के अभावहर्ता और प्रतिज्ञापालक बनों। तुम्हारा निर्णय न्यायपूर्ण हो और तुम्हारी वाणी में संयम हो।
————– बहाउल्लाह
Author: Sanjeevni Today
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