आज का सुविचार:
“जिज्ञासु को पीठ पीछे निन्दा को भी क्लेश कर भूल मानना चाहिए और स्वयं को उसके प्रभाव से दूर रखना चाहिए, क्योंकि चुगली हृदय का प्रकाश बुझा देती है, और आत्मा के जीवन का अन्त कर देती है। उसे थोड़े से में ही संतोष करना चाहिए और अवांछित इच्छाओं से मुक्त रहना चाहिए। उनकी संगति करें जिन्होंने संसार का परित्याग कर दिया है। अहंकारी तथा संसार में लिप्त जनों से दूर रहने को बहुमूल्य लाभ माने।”
———– बहाउल्लाह
Author: Sanjeevni Today
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