“हे दुनिया के लोगों ! सत्यत: तुम जानो कि एक आदृश्य विपत्ति तुम्हारा पीछा कर रही है और घोर यातना तुम्हारी प्रतीक्षा कर रही है। यह मत सोचो कि तुम्हारी करतूतें मुझसे छिपी हैं। अपने सौंदर्य की सौगंध ! तुम्हारी सभी करतूतें मेरी लेखनी ने हेमपत्र में अंकित कर ली हैं।”
————- बहाउल्लाह
बहाई लेखों से
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