हे मनुष्य के पुत्र ! यदि तुझे अपार वैभव प्राप्त हो जाए तो हर्षोन्मादि हो और यदि तुझ पर दुर्भाग्य टूट पड़े तो शोकाकुल न क्योंकि दोनों ही अवस्थायें क्षणभंगुर हैं और दोनों ही सम हो जायेंगी- बहाउल्लाह

Author: Sanjeevni Today
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