आज के समय में व्यक्ति का शिक्षित होना बहुत ही आवश्यक है, लेकिन कई बार देखा गया है कि व्यक्ति की उच्च शिक्षा के बावजूद भी उसे करियर में सफलता नहीं मिलती है। अक्सर नौकरी में स्थिरता नहीं मिलती है या फिर उसे शिक्षा के अनुसार अपने व्यवसाय का चुनाव नहीं कर पाने की समस्या आती है। ऐसा इसलिए भी होता है क्योंकि कुंडली में उपस्थित योग और दोष व्यक्ति की शिक्षा के क्षेत्र में भी असर डाल सकते हैं, जिससे उसके करियर में साथ नहीं दे पाते हैं।
जातक की कुंडली में उच्च शिक्षा का योग द्वितीय, चतुर्थ, पंचम, नवम व एकादश भाव से देखा जाता है। उच्च शिक्षा के लिए जातक की कुंडली में बुद्धादित्य योग, गज केसरी योग, हंस योग या बृहस्पति व बुद्ध का प्रबल होना जरूरी है। तो चलिए जानते हैं शिक्षा के सन्दर्भ में ज्योतिषी रजत सिंगल जी कुंडली अवलोकन कैसे करते हैं?
- द्वितीय भाव उच्च शिक्षा के लिए आर्थिक स्थिति मजबूत होने के साथ-साथ द्वितीयेश व लाभेश का केंद्र में होना बहुत जरूरी है। केंद्र में द्वितीयेश और लाभेश दिलाते हैं उच्च शिक्षा।
- चतुर्थ भाव : शिक्षा कैसे संस्थान में होगी, इसके बारे में जानकारी चतुर्थ भाव से होती है। यदि जातक की कुंडली में चतुर्थेश बली है तो जातक बड़े संस्थान से शिक्षा लेगा।
- पंचम भाव व्यक्ति की बुद्धिमता का विश्लेषण पंचम भाव से होता है। पंचमेश का अन्य ग्रहों से संबंध कैसा है, इस आधार पर बौद्धिक स्तर का पता चलता है।
- नवम भाव उच्च शिक्षा की जानकारी नवम भाव से होती है। यदि कुंडली में नवमेश प्रबल है तो व्यक्ति अवश्य उच्च शिक्षा प्राप्त करेगा।
- एकादश भाव मजबूत एकादश का अगर नवमेश व पंचमेश के साथ युति अथवा दृष्टि संबंध है तो उच्च शिक्षा का योग प्रबल होता है।
उच्च शिक्षा प्राप्ति में ग्रहों का योगदान
- यदि चंद्रमा वृश्चिक का हो तो जातक की स्मरण शक्ति अच्छी होगी।
- यदि जातक का बुद्ध अच्छा है तो गणितीय क्षमता, विश्लेषण क्षमता अच्छी होगी।
- सूर्य अगर अच्छी स्थिति में है तो जातक तेजस्वी व बहुत जल्दी सफलता प्राप्त करेगा।
- कुंडली में अगर शनि, राहु, केतु व मंगल अच्छी स्थिति में हैं तो जातक उच्च तकनीकी शिक्षा. प्राप्त करेगा।
- यदि जातक के लग्नेश व चतुर्थेश का संबंध बारहवें भाव से है तो जातक विदेश में शिक्षा प्राप्त करेगा।
करियर में सफलता हासिल करने के लिए ज्योतिषी रजत जी द्वारा सुझाए गए कुछ सरल उपाय
- बृहस्पति ज्योतिष में शिक्षा के लिए महत्वपूर्ण ग्रह माना जाता है। आप बृहस्पति के उपासना और मंत्र जाप कर सकते हैं। गुरु मंत्र ‘ॐ ग्रां ग्रीम ग्रौं सः गुरवे नमः’ का नियमित जाप करना पढ़ाई में ध्यान लगाने में मदद कर सकता है।
- अगर बच्चे का ध्यान पढ़ाई में नहीं लगता तो उसे सरस्वती मंत्रों का जाप करना चाहिए और उनकी पूजा करनी चाहिए।
- पढ़ते समय सदैव उत्तर दिशा या पूर्व दिशा की तरफ़ मुख करके ही पड़े। बिस्तर पर बैठकर न पढ़े और अपनी Study Table को व्यवस्थित रखें किताबों को फैलाकर न रखें
- “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” यह अष्टादशक्षरी मंत्र ज्ञान और बुद्धि के लिए प्रभावशाली माना जाता है।
- पढ़ते समय सदैव उत्तर दिशा या पूर्व दिशा की तरफ़ मुख करके ही पड़े। बिस्तर पर बैठकर न पढ़े और अपनी Study Table को व्यवस्थित रखें किताबों को फैलाकर न रखें।
- श्री गणेश ज्ञान और बुद्धि के देवता हैं। उनकी कृपा से शिक्षा में सफलता मिल सकती है। गणेश मंत्र ‘ॐ गं गणपतये नमः’ का जाप कर सकते हैं .
ज्योतिष में मूलांक व्यक्ति की जन्मतिथि के आधार पर निकाला जाता है। आप अपने मूलांक के अनुसार शुभ मंत्र या बीज मंत्र का जाप कर सकते हैं, जो आपकी शिक्षा में सफलता के लिए मदद कर सकते हैं।