पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सबसे करीबी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजीव अरोड़ा धोखाधड़ी के शिकार हो गए। जिस व्यक्ति पर उन्होंने सबसे ज्यादा भरोसा किया, वही उन्हें दगा दे गया। अरोड़ा के निजी सचिव भवानी शंकर शर्मा की ओर से आमेर थाने में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया गया है। एमआई रोड निवासी अब्दुल मलिक इलाही के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। आरोप है कि अब्दुल मलिक इलाही ने राजीव अरोड़ा की बिना अनुमति के उनकी जमीन का बेचान कर दिया। करोड़ों रुपए की जमीन को महज 60 लाख रुपए में किसी व्यक्ति को बेच दिया। मामले की जांच आमेर थाना प्रभारी अंतिम शर्मा कर रही हैं।
डेढ करोड़ रुपए का लैंड फ्रॉड
जयपुर के सी-स्कीम निवासी राजीव अरोड़ा के पीए भवानी शंकर शर्मा की ओर दर्ज कराई गई एफआईआर में केयर टेकर अब्दुल मलिक इलाही पर आरोप लगाया गया है कि आमेर क्षेत्र के ठाठर रोड स्थित कृषि भूमि को फर्जी तरीके से आजाद गृह निर्माण सहकारी समिति लिमिटेड को बेच दिया गया। जब केयर टेकर की इस हरकत की जानकारी राजीव अरोड़ा को लगी तो उनके होश उड़ गए। उन्होंने कभी सोचा ही नहीं होगा कि जिस व्यक्ति पर वे सबसे ज्यादा भरोसा कर रहे हैं। वही ऐसा कांड कर देगा। हैरानी की बात यह भी है कि केयरटेकर ने यह कहते हुए जमीन का बेचान किया कि राजीव अरोड़ा को अपनी निजी और व्यापारिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए रुपयों की आवश्यकता है। अब्दुल मलिक ने खरीदार से 60 लाख रुपए भी प्राप्त कर लिए। उक्त जमीन की बाजार कीमत वर्तमान में डेढ़ करोड़ रुपए है।
पॉवर ऑफ अटॉर्नी के जरिए किया बेचान
राजीव अरोड़ा ने आमेर स्थित अपनी कृषि भूमि पर अब्दुल मलिक इलाही को केयरटेकर के रूप में रखा था। उक्त जमीन की देखभाल की जिम्मेदारी उसे दी गई थी। वर्ष 2011 में अरोड़ा ने उस केयर टेकर के नाम पावर ऑफ अटॉर्नी करा रखी थी। 21 फरवरी 2024 को इस पावर ऑफ अटॉर्नी को निरस्त करने के लिए अब्दुल मलिक इलाही को नोटिस भेजा गया था। लिखित में नोटिस भेजने से पहले उसे मौखिक रूप से बता दिया गया था कि अब पावर ऑफ अटॉर्नी को निरस्त किया जाना है। इसके बावजूद अब्दुल मलिक इलाही ने बदनीयती पूर्वक धोखाधड़ी करते हुए 6 जून 2024 को विक्रय पत्र के जरिए आजाद गृह निर्माण सहकारी समिति लिमिटेड, जयपुर को बेच कर पंजीकृत करा दिया।