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March 12, 2025 11:05 am

लोन डिफॉल्टर्स पर ये बैंक रही मेहरबान……’बैंकों ने 10 वर्ष में 12 लाख करोड़ कर्ज कर दिए माफ…..

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Bank Loan Default:  अगर कोई सामान्य व्यक्ति किसी बैंक में जाकर छोटा-मोटा रोजगार खड़ा करने के लिए लोन मांगे तो उसके सिबिल स्कोर पर सवाल खड़ा करने के साथ ही इतने तरह की कागजी कार्रवाई और दस्तावेजी सबूत जुटाने के लिए कहा जाता है कि उसकी हिम्मत टूट जाती है. वो व्यक्ति अपना धंधा शुरू करने के लिए ऊंची ब्याज पर आसानी से कर्ज देने वाली माइक्रो फाइनांस कंपनियों के जाल में फंस जाता है.

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अरबति नहीं चुका पा रहे लोन 

बेरोजगारों पर चंद हजार रुपयों या चंद लाख रुपयों के लिए रहम नहीं करने वाले बैंक करोड़ों का लोन हजम कर जाने वाले डिफॉल्टर्स आसानी से मेहरबान हो रहे हैं. इस कारण बड़े-बड़े अरबपति भी लोन नहीं चुका रहे हैं. इस कतार में अनिल अंबानी और जिंदल से लेकर जेपी ग्रुप जैसे उद्योगपति शामिल हैं. संसद में पूछे गए एक सवाल के भारत सरकार की ओर से दिए गए जवाब में इसका खुलासा हुआ है. पिछले 10 सालों में बैकों ने करीब 12 लाख करोड़ रुपये का लोन माफ किया है. इनमें आधी से अधिक राशि सरकारी बैंकों ने माफ की है.

कर्ज हजम करने वालों को छोड़ देने में स्टेट बैंक सबसे आगे 

कर्ज लेकर हजम करने वालों को छोड़ देने वालों में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया सबसे आगे है. स्टेट बैंक ने पिछले पांच साल में लगभग डेढ़ लाख करोड़ माफ किए हैं. इसके बाद पंजाब नेशनल बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा और बैंक ऑफ इंडिया का नंबर आता है. लोन को बट्टे खाते में डालने में भी सरकारी बैंक काफी आगे हैं. स्टेट बैंक ने पिछले पांच साल में लगभग दो लाख रुपये बट्टे खाते में डाले. सभी सरकारी बैंकों ने कुल मिलाकर पिछले पांच साल में साढ़े छह लाख रुपये बट्टे खाते में डाले है. बट्टे खाते में लोन को डालने का मतलब होता है कि बैंक यह मान लेते हैं कि अब यह राशि वापस मिलने के आसार कम है. उसके बाद तरह-तरह की कानूनी प्रक्रिया शुरू कराई जाती है.

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