पिछले कुछ सालों में SIP की पॉपुलरिटी काफी तेजी से बढ़ी। इसकी वजह रही कि बाजार में एकतरफा तेजी और निवेशकों को मोटा रिटर्न दिखना। अब जब बाजार में बड़ी गिरावट आ गई तो निवेशक परेशान हैं। पिछले 4 सालों से वो जिस म्यूचुअल फंड में सिप कर रहे हैं तो उसने निगेटिव रिटर्न दे दिया है। यानी रिटर्न तो खत्म हो ही गया है, मूलधन में भी नुकसान है। अगर आप भी उन निवेशकों में शामिल हैं तो आपके लिए यह समझना जरूरी है कि बाजार में एकमात्र विकल्प SIP ही नहीं है। आप फिक्स्ड रिटर्न वाले इन्वेस्टमेंट प्रोडक्ट में निवेश कर न सिर्फ अपना पैसा सुरक्षित रख सकते हैं, बल्कि एक तय रिटर्न भी पा सकते हैं। आइए एक नजर डालते हैं सिप और म्यूचुअल फंड से इतर मार्केट में उपलब्ध इन्वेस्टमेंट प्रोडक्ट पर।
फिक्स्ड डिपॉजिट (FD)
कम जोखिम और फिक्स रिटर्न चाहने वाले निवेशकों के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) एक सहाबहार प्रोडक्ट है। इसमें जोखिम बिल्कुल न के बराबर है और रिटर्न मिलन तय है। एफडी के कई दूसरे फायदे भी हैं। इसको जरूरत पड़ने पर कभी भी निकाल सकते हैं। बैंक एफडी पर लोन की सुविधा भी देते हैं। इकनम टैक्स में राहत भी मिलती है। आप अपनी जरूरत के अनुसार एफडी की अवधि चुन सकते हैं। इससे पैसे की जब जरूरत होगी आप निकाल सकते हैं।
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF)
PPF भारत में एक लोकप्रिय बचत योजना है। वर्तमान में पीपीएफ पर 7.1% की दर से ब्याज मिल रही है। यह सेविंग स्कीम सरकारी गारंटी के साथ पूरी तरह से सुरक्षित है। PPF की परिपक्वता अवधि 15 वर्ष है जिसे पांच और वर्षों के लिए बढ़ाया जा सकता है। PPF में निवेश कर इकनम टैक्स की धारा 80C के तहत टैक्स छूट भी लिया जा सकता है।
रेकरिंग डिपॉजिट्स (RD)
आवर्ती जमा या RD, बैंकों और डाकघर द्वारा पेश किया जाने वाला एक सेविंग प्लान है जो छोटे निवेशकों को एक निश्चित अवधि के लिए नियमित अंतराल पर एक निश्चित राशि जमा करने की अनुमति देता है। RD को एक सुरक्षित निवेश योजना माना जाता है, जो अल्पकालिक निवेश के रास्ते तलाशने वाले व्यक्तियों के लिए आदर्श है। अगर आप आरडी खाता चलाना चाहते हैं तो देश के किसी भी बैंक या डाकघर आरडी अकाउंट खुलवाया जा सकता है। डाकघर 5 साल की आरडी पर 6.7 प्रतिशत का सालाना ब्याज दे रहा है। अगर आप डाकघर में हर महीने 5000 रुपये की आरडी करते हैं तो 5 साल में आपका कुल निवेश 3,00,000 रुपये का हो जाएगा। 6.7 प्रतिशत की ब्याज दर के हिसाब से 5 साल बाद आपको कुल 3,56,830 रुपये का फिक्स अमाउंट मिलेगा। इसमें 56,830 रुपये का ब्याज शामिल है।
