auruhana2.kz
autokolesa.kz
costacoffee.kz
icme2017.org
kenfloodlaw.com
Vavada
Chicken Road
카지노 사이트 추천
betify
покердом
royal reels
eecaac2018.org
fibrproject.org
gloriaperezsalmeron.org
spicybet.com.br
tigrinho.br.com

Explore

Search

September 24, 2025 6:43 pm

सुप्रीम कोर्ट ने निर्विरोध निर्वाचन के प्रावधान पर सरकार से मांगा जवाब……’जिसे 10% लोगों का भी समर्थन नहीं, उसे निर्वाचित क्यों घोषित किया जाए……

WhatsApp
Facebook
Twitter
Email

सुप्रीम कोर्ट ने निर्विरोध निर्वाचन की व्यवस्था करने वाली धारा पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा है. एक जनहित याचिका में कहा गया है कि इकलौते प्रत्याशी को विजेता घोषित करना सही नहीं है. मतदाताओं को मतदान के अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता. याचिका में कहा गया है कि लोग चाहें तो नोटा को भी वोट दे सकते हैं इसलिए, यह नहीं कहा जा सकता कि एक ही प्रत्याशी हो तो मतदान करवाने की कोई जरूरत नहीं.

विधि सेंटर फॉर लीगल पॉलिसी नाम की संस्था की तरफ से 2024 में दाखिल याचिका में जनप्रतिनिधित्व कानून, 1951 की धारा 53(2) को चुनौती दी गई है. यह धारा कहती है कि जब कोई दूसरा प्रत्याशी चुनाव मैदान में न हो, तो इकलौते प्रत्याशी को निर्विरोध निर्वाचित माना जाएगा. याचिका में कहा गया है कि अब लोगों के पास NOTA (इनमें से कोई नहीं) का विकल्प है. भले ही नोटा को अधिक वोट पड़ने पर दोबारा चुनाव का प्रावधान नहीं है, फिर भी लोगों को मतदान के अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता.

एक्सपर्ट से जानें इसके फायदे और नुकसान…….’15 दिन मीठा न खाने से क्या होता है……

चुनाव आयोग ने याचिका में रखी गई मांग को अनावश्यक और अव्यवहारिक बताते हुए इसका विरोध किया है. आयोग की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील राकेश द्विवेदी ने नोटा को एक विफल विचार बताया. उन्होंने यह भी कहा कि अब तक के इतिहास में सिर्फ 9 लोग लोकसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं. इसका जवाब देते हुए याचिकाकर्ता की पैरवी कर रहे वरिष्ठ वकील अरविंद दातार ने कहा कि लोग विधानसभाओं के लिए भी इस तरह निर्वाचित होते हैं.

जस्टिस सूर्य कांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की बेंच ने याचिकाकर्ता की तरफ से जताई गई एक आशंका का भी उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि अगर किसी प्रत्याशी के दबाव के चलते कोई और नामांकन न करे, तो लोगों को बिना मतदान का अवसर दिए इकलौते प्रत्याशी को चुना हुआ मान लिया जाएगा. जस्टिस सूर्य कांत ने कहा कि भारत में मजबूत और उच्चस्तरीय लोकतांत्रिक व्यवस्था है. ऐसे में कम से कम यह देखा जाना चाहिए कि किसी उम्मीदवार को कितने लोग समर्थन देते हैं.

कोर्ट ने कहा, ‘अगर किसी को 10 प्रतिशत लोग भी वोट नहीं देते, तो उसे संसद में भेजना क्या सही होगा?’ इस पर केंद्र सरकार के लिए पेश अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमनी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट नया कानून नहीं बना सकता. इस तरह की व्यवस्था अगर लानी भी है, तो उसके लिए संसद को बहुत सारे लोगों की राय लेने के बाद कानून में बदलाव करना होगा. कोर्ट ने कहा कि वह कोई अनिवार्य आदेश नहीं दे रहा है. सिर्फ इस मुद्दे पर सरकार की राय पूछ रहा है. इसके बाद कोर्ट ने सुनवाई टाल दी.

Seema Reporter
Author: Seema Reporter

ताजा खबरों के लिए एक क्लिक पर ज्वाइन करे व्हाट्सएप ग्रुप

Leave a Comment

Advertisement
लाइव क्रिकेट स्कोर
ligue-bretagne-triathlon.com
pin-ups.ca
pinups.cl
tributementorship.com
urbanofficearchitecture.com
daman game login
1win
1win
1win
1win.br.com
bourlandcivilwar.com
bsl.community
demeta-solutions.com
docwilloughbys.com