सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के अधीन संचालित स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट कैंसर पीड़ित मरीज इलाज की उम्मीद लेकर पहुंचते हैं, लेकिन यहां की व्यवस्थाएं खुद मरीजों के लिए परेशानी का कारण बनती जा रही हैं।
सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के अधीन संचालित स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट में कैंसर पीड़ित मरीज इलाज की उम्मीद लेकर पहुंचते हैं, लेकिन यहां की व्यवस्थाएं खुद मरीजों के लिए परेशानी का कारण बनती जा रही हैं। ओपीडी या आईपीडी में दिखाने आने वाले मरीजों को सीटी स्कैन, एमआरआई, 2डी-ईको जैसी जरूरी जांचों और अन्य विभागों से रेफरेंस लेने के लिए करीब 17 किलोमीटर दूर सवाई मानसिंह SMS हॉस्पिटल जाना पड़ रहा है। इससे मरीजों और उनके परिजनों को मानसिक, शारीरिक और आर्थिक परेशानी झेलनी पड़ रही है।
हैरानी की बात यह है कि एमआरआई को छोड़कर सीटी स्कैन, 2डी-ईको जैसी अधिकांश जांचों की सुविधा SCI से सटे RUHS हॉस्पिटल की इमारत में ही मौजूद है। इसके बावजूद मरीजों को वहां जांच नहीं करवाई जा रही और उन्हें SMS हॉस्पिटल भेजा जा रहा है।
SCI में इलाज के लिए आने वाले कई मरीजों की भर्ती केवल इसलिए टल जाती है क्योंकि जांचें समय पर नहीं हो पातीं। ओपीडी में डॉक्टर को दिखाने के बाद मरीजों को सीटी स्कैन, एमआरआई और 2डी-ईको जैसी जांचें लिखी जाती हैं। इन जांचों के लिए SMS हॉस्पिटल में लंबी लाइन, तारीख और आने-जाने में 1 से 2 दिन तक लग जाते हैं। जांच पूरी होने के बाद ही मरीजों की भर्ती प्रक्रिया शुरू हो पाती है।
सवाई माधोपुर जिले के गंगापुर सिटी क्षेत्र से आई 73 वर्षीय बुजुर्ग महिला इसका ताजा उदाहरण हैं। महिला कैंसर से पीड़ित हैं और 10 दिसंबर को अपने बेटे के साथ SCI में डॉक्टर को दिखाने पहुंचीं। डॉक्टरों ने भर्ती की सलाह दी, लेकिन उससे पहले सीटी स्कैन, एमआरआई और 2डी-ईको जांच लिख दी। इन जांचों को करवाने के लिए बुजुर्ग महिला और उनके बेटे को दो दिन तक SMS हॉस्पिटल के चक्कर काटने पड़े। 12 दिसंबर को जांच पूरी होने के बाद अब जाकर भर्ती की प्रक्रिया शुरू हो पाएगी।
महिला के बेटे ने बताया कि SCI में डॉक्टर को दिखाने में ज्यादा समय नहीं लगा, लेकिन SMS हॉस्पिटल में जांच करवाने, टोकन लेने और आने-जाने में ढाई दिन लग गए। उन्होंने सवाल उठाया कि जब सरकार ने इतना बड़ा कैंसर हॉस्पिटल बनाया है तो जरूरी जांचों की सुविधा भी वहीं क्यों नहीं दी जा रही।
परेशानी केवल जांचों तक सीमित नहीं है। SCI में भर्ती कई मरीज कैंसर के साथ-साथ हार्ट, शुगर, किडनी या लिवर जैसी अन्य क्रॉनिक बीमारियों से भी पीड़ित होते हैं। कैंसर इलाज के दौरान इन बीमारियों से संबंधित डॉक्टरों से परामर्श (रेफरेंस) लेना जरूरी होता है। लेकिन इसके लिए भी मरीजों के परिजनों को फाइल लेकर SMS हॉस्पिटल जाना पड़ता है।
SCI से सटे RUHS हॉस्पिटल में सीटी स्कैन और 2डी-ईको की सुविधा के साथ-साथ जनरल मेडिसिन, जनरल सर्जरी, कार्डियोलॉजी और ईएनटी विभाग संचालित हैं। हार्ट जैसी बीमारियों से जुड़े रेफरेंस यहीं से दिए जा सकते हैं, लेकिन न तो रेफरेंस की कोई ठोस व्यवस्था बनाई गई है और न ही SCI से भेजे गए मरीजों की यहां जांच की जा रही है।
मरीजों और उनके परिजनों का कहना है कि अगर RUHS और SCI के बीच समन्वय स्थापित कर लिया जाए तो कैंसर मरीजों को 17 किलोमीटर दूर SMS हॉस्पिटल जाने से राहत मिल सकती है। फिलहाल व्यवस्थागत कमी का खामियाजा सबसे ज्यादा गंभीर बीमारी से जूझ रहे मरीजों को भुगतना पड़ रहा है।





