पुणे: महाराष्ट्र के पुणे पोर्शे कांड ने पूरे देश में खलबली मचा दी है. नाबालिग रईसजादे ने शराब के नशे में 2 इंजीनियरों की जिंदगी को लग्जरी पोर्शे कार से रौंद डाला. इस केस को जिस तरह से जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने डील किया, उसे लेकर पूरे देश में बहस छिड़ गई है. जुवेनाइल बोर्ड ने तो नाबालिग को केवल निबंध लिखने का आदेश देकर छोड़ दिया. मगर जब मामला तूल पकड़ा तो ताबड़तोड़ एक्शन होने लगे. अब इस मामले में नाबालिग रईसजादे के पिता को पुलिस ने अरेस्ट कर लिया है और उसे आज यानी बुधवार को अदालत के सामने पेश किया जाएगा. अब सवाल उठता है कि आखिर इस रईसजादे का पिता कौन है, क्या बिजनेस है और कितनी संपत्तियों का मालिक है.
दरअसल, पुणे में नाबालिग ने शनिवार-रविवार की आधी रात को शराब के नशे में अपनी पोर्शे कार से मोटरसाइकिल सवार दो इंजीनियरों को रौंद डाला था. इस हादसे में दोनों इंजीनियरों की मौत हो गई थी. मृतकों की पहचान अनीश अवधिया (24) और अश्विनी कोष्टा (24) के रूप में हुई है. दोनों आईटी प्रोफेशनल मध्य प्रदेश के रहने वाले थे और पुणे में काम करते थे. इस मामले में जब जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने नाबालिग को छोड़ दिया तो पुलिस ने उसके पिता को गिरफ्तार कर लिया. पुणे क्राइम ब्रांच के अफसरों ने जाने-माने रियल एस्टेट कारोबारी नाबालिग के पिता को पुणे से लगभग 250 किलोमीटर दूर छत्रपति संभाजीनगर में अरेस्ट किया.
कौन है रईसजादा का रईस पिता?
नाबालिग के पिता का नाम विशाल अग्रवाल है जो पुणे के रियल एस्टेट के सेक्टर में बड़ा नाम है. विशाल अग्रवाल निर्माण उद्योग समूह ब्रह्मा कॉर्प का मालिक है. ब्रह्मा कॉर्प पिछले 40 वर्षों से पुणे में निर्माण व्यवसाय में अग्रणी कंपनी है. इस कंपनी की स्थापना ब्रह्मदत्त अग्रवाल ने की थी और इस समूह की कई कंपनियां हैं. इस कंपनी ने पुणे के वडगांव शेरी, खराड़ी, विमान नगर इलाकों में कई बड़े हाउसिंग प्रॉजेक्ट बनाये हैं. इस कंपनी ने पुणे में ली मेरिडियन होटल, रेजीडेंसी क्लब जैसे बड़े निर्माण भी किये हैं.
सूत्रों ने बताया कि ब्रह्मा मल्टीस्पे, ब्रह्मा मल्टिकन कंपनी की जिम्मेदारी पहले ब्रह्मदत्त अग्रवाल के पास थी. उसके बाद उनके बेटे सुरेंद्र अग्रवाल इस कंपनी के मालिक बने. इसके बाद सुरेंद्र अग्रवाल का बेटा विशाल अग्रवाल इस कंपनी का मौजूदा समय मे मालिक है. आरोपी रईसजादे का पिता विशाल अग्रवाल करोड़ों की संपत्ति का मालिक है. सूत्रों की मानें तो बेटे की तरह पिता विशाल भी लग्जरी गाड़ियों का शौकीन है. विशाल अग्रवाल को लग्जरी गाड़ियों का बहुत शौक है. उसके पास कई लग्जरी गाड़ियां हैं और उन्हीं में से एक पोर्शे कार से उसके नाबालिग बेटे ने दो लोगों की जान ले ली थी. आरोपी नाबालिग विशाल अग्रवाल का छोटा बेटा है. उसका एक बड़ा बेटा भी है, जिसने कुछ महीने पहले वडगांव इलाके में तेज रफ्तार कार से कई गाड़ियों और बिजली के खंभों के टक्कर मारकर नुकसान पहुंचाया था. जिस नाबालिग आरोपी ने लग्जरी कार से दो इंजीनियरों को रौंदा था, वह विशाल अग्रवाल का छोटा बेटा है.
कैसे पुलिस की गिरफ्त में आया विशाल अग्रवाल?
पुणे हिट एंड रन मामले में केस दर्ज होने के बाद विशाल अग्रवाल फरार हो गया था. इस दौरान वह पुणे से पहले कोल्हापुर गया. कोल्हापुर से अग्रवाल ने पुलिस को गुमराह करने के लिए अपने ड्राइवर और कार को मुंबई की तरफ भेजा, जबकि वह खुद अपने दोस्त की कार में संभाजीनगर की तरफ चला गया. पुलिस से बचते हुए रास्ते मे उसने अपने परिवार को अपने ठिकाने के बारे में गलत जानकारी दी और उसे बताया कि वह मुम्बई जा रहा है. पुलिस की ट्रैकिंग से बचने के लिए अग्रवाल ने अपना फोन बंद कर दिया और एक नए नंबर का उपयोग करना शुरू कर दिया. हालांकि, आखिरकार एक दोस्त की कार के जीपीएस के माध्यम से उसकी गतिविधियों का पुलिस ने पता लगा लिया. पुणे पुलिस की टीमों ने अग्रवाल का पता लगाने के लिए तकनीकी निगरानी और जीपीएस ट्रैकिंग का इस्तेमाल किया. इसके अलावा पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की जांच की और अग्रवाल द्वारा अपने परिवार को भेजे गए कई मैसेज को इंटरसेप्ट किया. अंत में तमाम सबूतों के आधार पर अग्रवाल को संभाजीनगर के एक छोटे से लॉज से गिरफ्तार किया गया, जहां वह छिपा हुआ था.