कई बार हम बच्चों पर फैसले थोपने की कोशिश करते हैं, बिना यह जाने कि उनकी मर्जी क्या है. नतीजा हमेशा कुछ न कुछ गलत ही होता है. 23 साल की हमना जफर के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ. जब वह सिर्फ 19 साल की थी, तभी पिता ने तय कर लिया कि उसे अपने चचेरे भाई से शादी करनी है. सगाई की तैयारी भी हो चुकी थी. लेकिन हमना को यह पसंद नहीं था. वह अपनी शर्तों पर जीना चाहती थीं. आखिरकार एक दिन वह घर से भाग निकली. संघर्ष झेले और आज वह अमेरिकी आर्मी की एक योद्धा हैं. उनकी कहानी प्रेरित करने वाली है. हमना जफर के माता-पिता अमेरिका के मैरीलैंड में रहते थे, लेकिन वे कभी अमेरिकी कल्चर को एडॉप्ट नहीं कर पाए. हमना वहीं के स्कूलों में पढ़ी थीं, इसलिए अपनी मर्जी की जिंदगी जीना चाहती थीं. इस अमेरिकन ड्रीम की उन्हें भारी कीमत चुकानी पड़ी. एक दिन उनके माता-पिता ने कहा, पाकिस्तान चलना है. हमना भी गहने-ड्रेस पहनकर तैयार हुईं और पाकिस्तान पहुंच गईं. लेकिन वहां पता चला कि उन्हीं की सगाई है. फिर तो उनके सपने टूटते दिखे.
समझाने में असमर्थ हो गईं तो भाग निकलीं
हमना जब परिवार को समझाने में असमर्थ हो गईं तो भाग निकलीं. उन्हें एक आर्मी अफसर की मदद मिली. काफी दिनों तक हमना ने एक होटल में रहकर बिताया. इसी बीच कोविड लॉकडाउन आ गया. हमना को लगा कि उन्हें अब घर जाना ही होगा. मगर तभी एक दोस्त क्लाउडिया बर्रेरा ने उनकी मदद की. अपने घर ले गईं. क्लाउडिया और उनके पति ने हमना के सपनों को पूरा करने की जिद ठान ली. आखिरकार हमना यूएस एयरफोर्स में भर्ती हो गईं.
वह इरादों की बहुत मजबूत
क्लाउडिया ने कहा, वह इरादों की बहुत मजबूत है. लेकिन 5 फीट 2 इंच की जफर का जब बूट कैंप शुरू हुआ तो वह काफी सदमे में थी.लेकिन उसने सारे कयासों को धता बता दिया. ज़फर चाहती है कि उसका परिवार उसकी क्षमता को देखे और उस पर गर्व करे, लेकिन उनसे संपर्क करने के कई प्रयासों के बावजूद, उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. उसके पास अभी भी क्लाउडिया का परिवार है, जो बेटी की तरह रखता है.