सिरोही/जयपुर। पूर्व सीएम सलाहकार संयम लोढा ने कहां कि वित मंत्री निर्मला सीतारमण द्वरा वित वर्ष 2024-25 कि लिए प्रस्तुत अंतरिम बजट घोर निराशा जनक रहा है। उन्होंने कहां कि राजकोषीय घाटा 5.1 प्रतिशत तक होना पूरी कहानी स्पष्ट कर देता है।
लोढा ने कहां कि इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नही किया। इसी तरह कम्पनी व अन्य व्यक्तियों के लिए कर दरों मे कोई बदलाव नही किया। उन्होेने कहां कि पहले 2022 के लिए जो सपने दिखाये गये थे उनकी तारिख अब बढाकर 2047 कर दी। लोगो के जीवन मे कोई तरक्की नही हुई इसलिए 80 करोड परिवार मुफ्त का गेहूं लेने के लिए बाध्य है। किसानों की आमदनी दुगनी करने का जो वादा किया था उसको पूरा करने का प्रयास नही दिखाई पडता। इतना ही नही न्यूनतम समर्थन मूल्य की गणना करने में स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों की पालना नही की गई। राजस्थान में आज भी 12 लाख परिवार आवासहीन है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में शिक्षा पर बजट बढाने के प्रावधान की पूरी तरह अनदेखी की जा रही है। लोकसभा और विधानसभा में महिला आरक्षण को 2024 के लोकसभा चुनाव में लागू किया जाना चाहिए था जिसे गलत नीयत होने के कारण आगे लिए टाल दिया गया है। एक राष्ट्र एक बाजार का लक्ष्य प्राप्त नही किया जा सका है। डीजल पेटोल व शराब को जीएसटी के दायरे में लाया जाना चाहिए। उन्होने कहां कि महंगाई व बेरोजगारी लगातार बढ रही है और भर्ती के वायदे को जुमला बताकर दरकिनार किया गया है।
गुजरात राजस्थान समझौते के मुताबिक न तो माही व्यास का बचा हुआ पानी जालोर, सिरोही, बाडमेर को दिया जा रहा है और न ही गत 8 वर्ष से दिल्ली में पडी जवाई पुर्नभरण योजना की स्वीकृति दी जा रही है। उन्होने कहां कि मोदी सरकार के इस आखरी अंतरिम बजट ने समाज के हर वर्ग को निराश किया है।
Author: Sanjeevni Today
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