बाड़मेर ब्यूरो/सुरेन्द्र सिंह चांदेसरा
गणतंत्र दिवस के पावन अवसर पर साहित्य प्रेमियों के लिए यह विशेष दिन एक ऐतिहासिक क्षण बन गया, जब महाराष्ट्र के डोंबिवली, मुंबई स्थित इंकलाब पब्लिकेशन के तत्वाधान में प्रकाशित “ऐसा देश है मेरा” देशभक्ति साझा काव्य संग्रह का भव्य विमोचन समारोह आयोजित किया गया। इस संग्रह का संपादन श्री मनोजकुमार व्यास द्वारा किया गया, और इसके निर्देशन का दायित्व इंकलाब पब्लिकेशन के फाउंडर रमाकांत यादव (सागर यादव “जख्मी”) ने निभाया। यह आयोजन साहित्य और देशभक्ति की भावना का संगम था, जिसने गणतंत्र दिवस की महत्ता को और भी विशेष बना दिया।विमोचन समारोह में अनेक गणमान्य साहित्यकारों और कवियों की उपस्थिति ने इसे एक अद्वितीय साहित्यिक आयोजन का स्वरूप प्रदान किया। इस काव्य संग्रह में सम्मिलित रचनाकारों ने अपनी उत्कृष्ट देशभक्ति कविताओं के माध्यम से भारतीय संस्कृति, इतिहास, और राष्ट्रीय गौरव को अभिव्यक्त किया। पुस्तक में जिन प्रमुख रचनाकारों की रचनाएं शामिल हैं, उनमें डॉ. राकेश राकेश बैंस (भा.रे.इ.से.), रविंद्र प्रजापत, मीनू अग्रवाल, डॉ. समीना क़ुरैशी, सोनम पटेल, गरिमा बाजपेई, सूर्य प्रताप राव रेपल्ली, चैन मौर्य, डॉ. अमलपुरे सूर्यकांत विश्वनाथ, विनय मोहन शर्मा, अनिल कुमार दूबे “अंशु”, प्रमोद कुमार गौड़, पुष्पांशु, मोहन लाल मीणा “मोह”, अंकित दीप, डॉ. दिलीप मेहरा, हेम चन्द्र सकलानी, डॉ. संजय कुमार सैनी, डॉ. रोहित सिंह गौर, निरंजना डांगे, शिल्पा अग्रवाल, डॉ. श्रीमती एस्तर ध्रुव “आशा”, महमूदुल हक़ ‘अज़्म’, अजित चतुर्वेदी, जीवन सिंह पठानिया “मृदुल”, डॉ. नीरज पखरोलवी, सोनिया दत्त पखरोलवी, लोकेश औदिच्य “राजदीप”, तरुणा शर्मा ‘तरु’, इंजी. रत्नेश गुप्ता, स्वर्गीय डॉ. रामभरोसे गुप्त ‘राकेश’, अरविंद अप्रेंटिस, रविशंकर पाण्डेय ‘दीपक’, डॉ. ज्ञान प्रकाश, वंदना राणा, सुनीता कुमारी, सत्य देव पाठक “कवि पाठक”, निरंजन कुमार तिलक ‘अंकुर’, सुरेश लाल श्रीवास्तव, भारत सोगरवाल, विभोर व्यास, देवेन्द्र धवलहार, छोटेलाल गोंड, किशन लाल शाह, सुशील कुमार (दीपक सोनी), श्री जय प्रकाश वर्मा ऊर्फ कलामजी, डॉ. महेश कुमार झा, पूनम तिवारी ‘हिन्दुस्तानी’, हेमन्त कुमार श्रीवास्तव “अश्रुज”, प्रभात शुक्ला भरारी वाले, मौ. सलीम अख्तर, माधुरी राठौड़, और तृप्ति नारायण झा जैसे प्रतिष्ठित नाम शामिल हैं। इस ऐतिहासिक अवसर पर सभी रचनाकारों को ‘भारत काव्य रत्न’ हिन्दी साहित्य सम्मान से नवाजा गया। यह सम्मान उनकी साहित्यिक प्रतिभा और देशप्रेम को अभिव्यक्त करने की कला को प्रोत्साहित करता है। विशेष रूप से, रचनाकारों ने देशभक्ति को अपनी कविताओं के माध्यम से न केवल महसूस किया, बल्कि इसे जीवंत रूप में प्रस्तुत किया।
“ऐसा देश है मेरा” न केवल कविताओं का संग्रह है, बल्कि यह भारतीय साहित्य और संस्कृति का प्रतीक भी है। इसमें संकलित कविताएं पाठकों को अपने देश के प्रति गर्व और प्रेम की भावना से ओतप्रोत करती हैं। हर रचना अपने आप में अद्वितीय है और देशभक्ति का संदेश देती है। इस संग्रह के विमोचन ने यह सिद्ध कर दिया कि साहित्य और कला समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का एक सशक्त माध्यम हैं। इस आयोजन ने राष्ट्रीय एकता और साहित्यिक समर्पण को न केवल बढ़ावा दिया, बल्कि एक नई पीढ़ी को प्रेरित भी किया। “ऐसा देश है मेरा” का विमोचन और सभी रचनाकारों को सम्मानित करना एक अद्वितीय साहित्यिक उपलब्धि है। यह पुस्तक न केवल पाठकों को प्रेरणा देगी, बल्कि भारतीय साहित्य के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय के रूप में दर्ज होगी। इस आयोजन ने यह संदेश दिया कि जब देशभक्ति और साहित्य का संगम होता है, तब समाज में नई ऊर्जा और सकारात्मक बदलाव की लहर पैदा होती है।
Author: Journalist Surendra Rajpurohit
Journalist, Writer, Social worker