मुंबई, 22 अक्टूबर 2025: मैडॉक फिल्म्स का हॉरर-कॉमेडी यूनिवर्स एक बार फिर धमाल मचा रहा है। ‘स्त्री’ और ‘भेड़िया’ की सफलता के बाद आई नई फिल्म ‘थामा’ ने रिलीज होते ही दर्शकों को एक ऐसी दुनिया में खींच लिया है, जहां डर सिर्फ डर नहीं, बल्कि भावनाओं और लोककथाओं का खूबसूरत ताना-बाना है। निर्देशक आदित्य सरपोतदार की इस 149 मिनट की सिनेमाई यात्रा में हॉरर, रोमांस और फैंटेसी का ऐसा मेल है, जो भारतीय सिनेमा को नई ऊंचाई दे रहा है। आयुष्मान खुराना और रश्मिका मंदाना की ताजा जोड़ी के साथ नवाजुद्दीन सिद्दीकी और परेश रावल जैसे दिग्गजों ने फिल्म को यादगार बना दिया है।
फिल्म की कहानी दिल्ली के पत्रकार आलोक (आयुष्मान खुराना) से शुरू होती है, जो एक ट्रेकिंग ट्रिप पर निकलता है। रास्ते में मिलती है रहस्यमयी ताड़का (रश्मिका मंदाना), जो कई राज छुपाए हुए है। दोनों एक जादुई जंगल में पहुंचते हैं, जहां वैम्पायर-जगत के रहस्य अतीत को जीवंत कर देते हैं। हर पेड़ और परछाईं कुछ फुसफुसाती है—यह लोककथा से प्रेरित फैंटेसी है, जो डर को रोमांच और भावनाओं से जोड़ती है।
निर्देशक आदित्य सरपोतदार ने अपने परिपक्व निर्देशन से हर फ्रेम को पेंटिंग जैसा बना दिया है। जंगल के सीन रहस्य और जादू से भरे हैं, जो सिनेमैटोग्राफी की तारीफ के काबिल हैं। आयुष्मान ने आलोक के डर और उलझनों को इतने सच्चेपन से निभाया कि दर्शक खुद को उनकी जगह महसूस करने लगते हैं। रश्मिका ने ताड़का में संतुलन बनाए रखा—न ज्यादा ड्रामा, न ज्यादा ग्लैमर, बस एक दमदार इमोशनल मौजूदगी।
नवाजुद्दीन सिद्दीकी की एंट्री फिल्म की टोन बदल देती है—उनका रहस्यमय किरदार आगे के चैप्टर्स का संकेत देता है। परेश रावल की कॉमिक टाइमिंग और तीखे संवाद हमेशा की तरह कमाल के हैं। सत्यराज की ‘हैंड ऑफ गॉड’ एल्विस के रूप में वापसी और वरुण धवन का धमाकेदार कैमियो बताता है कि ‘थामा’ मैडॉक मल्टीवर्स का महत्वपूर्ण हिस्सा है। नोरा फतेही की झलक न सिर्फ ग्लैमर जोड़ती है, बल्कि एक बड़े ट्विस्ट का इशारा भी करती है।
म्यूजिक फिल्म का जान है—हर गाना कहानी का हिस्सा, न कि सिर्फ आइटम नंबर। बैकग्राउंड स्कोर कुछ दृश्यों में सांसें थमा देता है। ‘स्त्री’ और ‘भेड़िया’ के कैमियो के अलावा ‘सर-कटा’ की चौंकाने वाली वापसी आने वाली जंग की भूमिका तैयार करती है।
क्रिटिक्स और दर्शकों की शुरुआती प्रतिक्रियाएं जोरदार हैं। एक समीक्षक ने कहा, “थामा डराती नहीं, बांध लेती है। लोककथा, लव स्टोरी और फोक लोर का यह मेल मैडॉक यूनिवर्स को नई दिशा देगा।” जिन्हें यूनिवर्स पसंद है, उनके लिए यह ट्रीट है; नए दर्शकों के लिए परफेक्ट शुरुआत।
निर्माता दिनेश विजान और अमर कौशिक की यह फिल्म साबित करती है कि मैडॉक हॉरर-फैंटेसी को वैश्विक स्तर पर ले जा रहा है। सिनेमाघरों में हाउसफुल का अनुमान है!






