टीम इंडिया के पूर्व टेस्ट कप्तान रोहित शर्मा ने मई 2025 में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेकर सभी को चौंका दिया था। दरअसल, रोहित उस दोरान न केवल टीम इंडिया के कप्तान थे, बल्कि इंग्लैंड के खिलाफ होने वाली अहम सीरीज में टीम की सबसे बड़ी उम्मीद भी माने जा रहे थे। लेकिन अचानक रिटायरमेंट के बाद बीसीसीआ को नया कप्तान चुनना पड़ा और शुबमन गिल को ये जिम्मेदारी दी गई।
वहीं तमाम की अटकलों के बाद अब खुद रोहित ने अपने टेस्ट संन्यास पर खुलकर बात की है। मुंबई में एक इवेंट के दौरान रोहित ने कहा कि, टेस्ट क्रिकेट आसान नहीं है, ये मानसिक रूप से बेहद चुनौतीपूर्ण और थका देने वाला फॉर्मेट है। ये खेल आपसे लंबी अवधि तक खेलने की मांग करता है। खासकर पांच दिन तक लगातार फोकस बनाए रखना आसान नहीं होता।
रोहित ने आगे कहा कि, भारतीय क्रिकेटर बचपन से ही लंबे फॉर्मेट खेलने के आदी होते हैं। उन्होंने बताया कि जब हम मुंबई में क्लब क्रिकेट खेलते थे, तो दो-दो, तीन-तीन दिन तक मैच चलते थे। इसलिए हमारे अंदर ये आदत बचपन से ही डाल दी जाती है। रोहित का मानना है कि टेस्ट क्रिकेट में सबसे अहम चीज है कंसंट्रेशन यानी एकाग्रता। पूर्व टेस्ट कप्तान ने कहा कि, लंबे फॉर्मेट में खेलने के लिए मानसिक रूप से फ्रेश रहना जरूरी है। अगर आपसे हाई लेवल पर परफॉर्मेंस की उम्मीद की जाती है, तो फोकस और मानसिक मजबूती सबसे अहम होती है।
फिलहाल, रोहित शर्मा के टेस्ट करियर की बात करें तो उन्होंने 67 मैच खेले, जिनमें उन्होंने 4301 रन बनाए। इस दौरान उनके बल्ले से 12 शतक और 18 अर्धशतक भी निकले। उनका औसत 40.57 रहा और उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 212 रन रहा। भले ही रोहित की पहचान वनडे और टी20 में ज्यादा रही हो, लेकिन लाल गेंद के खेल में भी उनका योगदान बेहद खास माना जाता है।
