Explore

Search

March 14, 2025 11:34 am

Teachers Day 2024: इस शिक्षक के छात्रों ने किया था अनुरोध……..’टीचर्स डे मनाने के लिए 5 सितंबर ही क्यों चुना गया…..

WhatsApp
Facebook
Twitter
Email

भारत में हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस (Teachers’ Day) मनाने की परंपरा है. यह दिन भारत के पहले उपराष्ट्रपति और पूर्व राष्ट्रपति, विद्वान, दार्शनिक, और भारत रत्न से सम्मानित डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. डॉ. राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को हुआ था.

शिक्षक दिवस के इस खास मौके पर, हम उन सभी शिक्षकों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं जिन्होंने हमारी जिंदगी को सही दिशा दी है.  शिक्षक केवल पाठ्यक्रम के ज्ञान के ही शिक्षक नहीं होते, बल्कि वे जीवन के पाठों के भी मार्गदर्शक होते हैं. उनकी मेहनत, समर्पण और शिक्षण की कला ने हमें सिखाया कि कैसे अपने सपनों की ओर कदम बढ़ाएं और समाज में अपनी जगह बनाएं.

Health Tips: ऐसे करें बचाव…….’देरी से कर रहे बच्चे की प्लानिंग तो ब्रेन हेमरेज का हो सकता है खतरा….

शिक्षक दिवस पर, स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में खास कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं ताकि शिक्षकों के महत्वपूर्ण योगदान को सराहा जा सके. इस दिन, छात्र अपने प्यारे शिक्षकों के प्रति सम्मान और कृतज्ञता दिखाने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम और नृत्य करते हैं। यह दिन उन लोगों के लिए भी खास होता है जो अब स्कूल या कॉलेज में नहीं हैं, क्योंकि उन्हें अपने पुराने शिक्षकों को धन्यवाद कहने का मौका मिलता है.

शिक्षक दिवस का इतिहास

शिक्षक दिवस की शुरुआत 5 सितंबर को डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन पर हुई. जब डॉ. राधाकृष्णन 1962 में भारत के राष्ट्रपति बने, तो उनके छात्र इस दिन को विशेष रूप से मनाने की इजाजत चाहते थे. इसके बजाय, डॉ. राधाकृष्णन ने सुझाव दिया कि इस दिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए, ताकि समाज में शिक्षकों के योगदान की सराहना की जा सके. उन्होंने कहा था कि “शिक्षकों को देश में सबसे बुद्धिमान होना चाहिए. उन्हें 1954 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था.

 

ताजा खबरों के लिए एक क्लिक पर ज्वाइन करे व्हाट्सएप ग्रुप

Leave a Comment

Advertisement
लाइव क्रिकेट स्कोर