USA-China के बीच टैरिफ वॉर बढ़ता जा रहा है. 2 अप्रैल को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से चीन पर 34 फीसदी टैरिफ के ऐलान से शुरू हुई यह जंग अब 245 फीसदी टैरिफ तक पहुंच गई है. ट्रंप ने दुनियाभर के देशों खिलाफ 2 अप्रैल को टैरिफ प्लान पेश किया. इस प्लान के तहत चीन पर शुरुआत में महज 34 फीसदी टैरिफ लगाया था.
चीन ने इस मामले में दूसरे देशों की तरह अमेरिका से बात करने के बजाय पलटवार करते हुए अमेरिकी आयात पर टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया. इसके बाद लगातार दोनों देश एक-दूसरे के खिलाफ टैरिफ बढ़ाते जा रहे हैं. व्हाइट हाउस की तरफ से 15 अप्रैल को जारी एक फैक्टशीट के मुताबिक अब चीन को इसके टैरिफ पलटवार की वजह से अमेरिका को किए जाने वाले निर्यात पर 245% तक टैरिफ का सामना करना पड़ रहा है.
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चीन ने क्या कहा?
बुधवार को अमेरिका की तरफ से एक झटके में टैरिफ को 100 फीसदी बढ़ाने पर चीन ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह अमेरिका के साथ व्यापार युद्ध लड़ने से नहीं डरता है. वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि बातचीत के लिए टेबल पर पूरी तरह चीन निर्भर है. चीनी सरकार के समाचार पत्र ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा, अगर अमेरिका वाकई बातचीत के जरिये इस मसले का हल करना चाहता है, तो उसे पहले दबाव डालने, धमकी देने और ब्लैकमेल करने की पैंतरेबाजी छोड़नी होगी. बातचीत के लिए समानता, सम्मान और पारस्परिक लाभ की बुनियाद रखनी होगी.
ऑटो टैरिफ पर लग सकती है रोक
चीन पर 245 फीसदी टैरिफ लादने के साथ ही बुधवार को ट्रंप प्रशासन की तरफ से कुछ राहत के संकेत भी दिए गए हैं. माना जा रहा है कि ट्रंप फिलहाल ऑटो सेक्टर पर लगाए गए टैरिफ को अस्थायी रूप रोक सकते हैं. इस मकसद कार निर्माताओं को अपनी सप्लाई चेन को रिस्ट्रक्चर करने के लिए समय देना है. इसके साथ ही, उनका प्रशासन अतिरिक्त टैरिफ की योजनाओं के साथ आगे बढ़ रहा है. कंप्यूटर चिप्स, सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग इक्विपमेंट्स और फार्मास्यूटिकल्स आयातों पर टैरिफ का प्लान बनाया जा रहा है.
