ताजमहल में मुख्य मकबरे पर पर्यटकों के पानी की बोतल ले जाने पर रोक लगा दी गई है। चमेली फर्श से ऊपर पर्यटकों व गाइडों को पानी की बोतल नहीं ले जाने दी गई। ताजमहल को शिव मंदिर बताकर जल चढ़ाने के मामले सामने आने पर यह कदम उठाया गया है। पर्यटन संस्थाएं इसका विरोध कर रही हैं।
ताजमहल में शनिवार को अखिल भारत हिंदू महासभा के पदाधिकारियों ने मुख्य मकबरे में स्थित तहखाना के ऊपर गंगाजल चढ़ाया था। सोमवार को महासभा की महिला सभा की जिलाध्यक्ष मीरा राठौर ने गंगाजल चढ़ाया। इसके बाद ताजमहल में चमेली फर्श से मुख्य मकबरे पर पर्यटकों को पानी की बोतल ले जाने से रोक दिया गया। चमेली फर्श से मुख्य मकबरे को जाने वाली सीढ़ियों पर बोतलें रखवा ली गईं। इससे पर्यटकों को परेशानी का सामना.
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रोक को बताया दुर्भाग्यपूर्ण
टूरिस्ट गाइड्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष दीपक दान ने कहा कि मुख्य मकबरे पर पर्यटकों के पानी की बोतल ले जाने पर रोक लगाने का निर्णय दुर्भाग्यपूर्ण है। उमस भरी गर्मी में पर्यटक ताजमहल में बिना पानी के नहीं रह सकते हैं। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआइएसएफ) सर्तक रहने के बजाय पानी की बोतल पर रोक लगा रहे हैं। एसोसिएशन इसका विरोध करती है।
ताज के अंदर प्रतिबंधित वस्तुएं
- सभी प्रकार के हथियार, गोला-बारूद, विस्फोटक सामग्री व उनकी प्रतिकृतियां।
- माचिस और लाइटर।
- सिगरेट समेत सभी प्रकार के तंबाकू उत्पाद।
- कैंची, चाकू और अन्य धारदार आइटम।
- टेट्रा पैक में शराब, प्रतिबंधित दवाएं व तरल पदार्थ।
- प्रसाद, फूलमालाओं समेत धार्मिक सामग्री।
- लैपटॉप व सभी प्रकार के कैमरा स्टैंड।
- पढ़ना, लिखना और पेंटिंग सामग्री।
- विज्ञापन के लिए खिलौने, कार्ड व आइटम।
- मशाल, पेशेवर वीडियो कैमरे, पीए प्रणाली।
- बड़े बैग।
- तस्वीरें और सीडी की हार्ड कॉपी।
पर्यटक जरूरत महसूस होने पर ले सकते हैं पानी
अधीक्षण पुरातत्वविद डा. राजकुमार पटेल ने बताया कि मुख्य मकबरे पर पर्यटकों को किसी तरह की परेशानी नहीं होने दी जाएगी। वहां तैनात रहने वाले कर्मचारियों को पानी की छोटी बोतलें उपलब्ध कराई गई हैं। पर्यटक जरूरत महसूस होने पर उनसे पानी की बाेतल ले सकते हैं।
रना पड़ा।