विंड टरबाइन बनाने वाली कंपनी सुजलॉन एनर्जी के शेयरों में पिछले एक साल में लगभग 30% की गिरावट देखी गई है। निवेशकों के बीच यह सवाल उठ रहा है कि क्या कंपनी के सितंबर तिमाही (Q2FY26) के नतीजे इस गिरावट को रोक पाएंगे या नहीं। ब्रोकेरज फर्म मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज (MOFSL) के मुताबिक, सुजलॉन एनर्जी के रेवेन्यू में सितंबर तिमाही के दौरान उछाल देखने को मिल सकता है, लेकिन इसके नतीजे फ्लैट यानी लगभग स्थिर रह सकते हैं।
मोतीलाल ओसवाल ने नतीजों को लेकर अपने पूर्वानुमान देते हुए कहा कि सुजलॉन का रेवेन्यू सालाना आधार पर 32% बढ़कर ₹2,785.20 करोड़ तक पहुंच सकती है। ब्रोकरेज ने कहा कि कंपनी ने सितंबर तिमाही में लगभग 365 मेगावॉट (MW) विंड टरबाइन का एग्जिक्यूशन किया है। यह पिछले साल की तुलना में 42% अधिक है, लेकिन जून तिमाही के मुकाबले 18% कम है।
हालांकि ब्रोकरेज ने ऑपरेटिंग प्रॉफिट (EBITDA) के लगभग 422.5 करोड़ रुपये रहने का अनुमान जताया है, और EBITDA मार्जिन 15% के आसपास रहने की उम्मीद है। कंपनी का शुद्ध मुनाफा (Net Profit) भी 199.30 करोड़ रहने का अनुमान जताया गया है, जो पिछले साल की समान अवधि के ₹200.20 करोड़ से 1% कम है।
मोतीलाल ओसवाल ने सुजलॉन एनर्जी के शेयरों के लिए अपने 80 रुपये को टारगेट प्राइस बरकरार रखा है। यह इसके शेयरों में मौजूदा स्तर से करीब 45% तक की संभावित तेजी का अनुमान है। दोपहर 2 बजे के करीब, सुजलॉन एनर्जी के शेयर 0.89 फीसदी की तेजी के साथ 53.24 रुपये के भाव पर कारोबार कर रहे थे। पिछले एक महीने में कंपनी के शेयरों में करीब 6.69 फीसदी की गिरावट आई है। वहीं इस साल की शुरुआत से अब तक यह शेयर करीब 18.5 फीसदी टूट चुका है।
रिटेल निवेशकों की बड़ी हिस्सेदारी
सुजलॉन एनर्जी के शेयरों में रिटेल निवेशकों की हिस्सेदारी काफी अधिक है। जून 2025 तिमाही के अंत तक कंपनी में 55.40 लाख से ज्यादा रिटेल निवेशक शामिल थे, जिनके पास कंपनी की 25.03% हिस्सेदारी है।