सूर्य कुमार यादव यदि तुम्हारी औकात है तो…; इन शब्दों के साथ आम आम आदमी पार्टी (आप) के नेता और पूर्व मंत्री सौरभ भारद्वाज ने भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान सूर्य कुमार यादव को चुनौती दी थी, जो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई थी। अब सूर्य कुमार यादव ने पाकिस्तान को फाइनल में धूल चटाने के बाद जो ऐलान किया उसकी जहां खूब तारीफ हो रही है तो सौरभ भारद्वाज के बयान से भी जोड़कर देखा जा रहा है।
दुबई में भारत ने पाकिस्तान को पांच विकेट से हराकर एशिया कप का खिताब अपने नाम कर लिया। शानदार जीत के बाद सूर्य कुमार ने यादव ने इस टूर्नामेंट के हर मैच की फीस पहलगाम हमले के पीड़ितों और सेना को समर्पित कर दी है। सूर्य कुमार यादव ने एक्स पर लिखा, ‘मैंने इस टूर्नामेंट में अपने मैच फीस को आर्म्ड फोर्सेस और पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ित परिवारों की मदद के लिए दान करने का फैसला किया है। हमारी भावनाएं हमेशा आपके साथ हैं। जय हिंद।’
सूर्य कुमार यादव के इस ऐलान की सोशल मीडिया पर खूब तारीफ हो रही है। वहीं, कई लोग भारतीय कप्तान के इस ऐलान को आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज की ओर से दी गई चुनौती और मैच का विरोध करने वालों को जवाब भी मान रहे हैं। इस विवाद की शुरुआत 15 सितंबर को हुई थी जब ‘आप’ नेता ने भारत-पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच का विरोध करते हुए सूर्य कुमार यादव को अपनी कमाई पहलगाम पीड़ितों के नाम दान करने की चुनौती दी थी।
दरअसल, भारत और पाकिस्तान के बीच एशिया कप में हुए पहले मैच का पहले आम आदमी पार्टी ने जोरशोर से विरोध किया था। पार्टी की दलील थी कि आतंक को बढ़ावा देने वाले देश के साथ मैच ना खेला जाए। मैच में जीत के बाद सूर्य कुमार यादव ने कहा था कि उन्होंने इस जीत को सेना और पहलगाम हमले के पीड़ितों को समर्पित किया। भारतीय कप्तान की यह बात सौरभ भारद्वाज को अच्छी नहीं लगी थी।
क्या थी सौरभ भारद्वाज की पूरी बात?
सौरभ भारद्वाज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा था, ‘अगर है तुम्हारी औकात, क्या नाम है इनका सूर्य कुमार यादव यदि तुम्हारी औकात है, तुम्हारी बीसीसीआई की औकात है और तुम्हारी आईसीसी की औकात है, तो तुम्हें दूसरी चुनौती भी देते हैं, जितना पैसा तुमने इन ब्रॉडकास्टिंग राइट से कमाया है, विज्ञापन से कमाया है और जो इस क्रिकेट के धंधे में कमाया है, दे दो उन शहीदों की विधवाओं को, हम भी मान जाएंगे तुमने डेडिकेट किया है। हिम्मत नहीं है, औकात नहीं है इनकी। ये कर सकें। फर्जी में कुछ भी बोल दें इसको डेडिकेट कर दिया उसको कर दिया। बहुत शर्म की बात है।’