सुप्रीम कोर्ट ने वोडाफोन आइडिया की याचिका की सुनवाई 13 अक्टूबर तक स्थगित कर दी है. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुनवाई आगे बढ़ाने का अनुरोध किया, जिस पर वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कोई आपत्ति नहीं जताई.
इससे पहले यह सुनवाई 6 अक्टूबर को होने वाली थी, लेकिन अब यह मामला अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में फिर से सुना जाएगा. वोडाफोन आइडिया ने अतिरिक्त एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) की ब्याज और पेनल्टी माफी की मांग को लेकर अपनी याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की है. कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 13 अक्टूबर निर्धारित किया है.
इससे पहले कंपनी ने अपने एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) से जुड़ी भारी-भरकम बकाये वाली राशि पर राहत की मांग की है. याचिका के तहत Vodafone Idea ने ब्याज और पेनल्टी को माफ करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया है.
कंपनी ने सुप्रीम कोर्ट में 9 जजों की बेंच के एक पुराने फैसले का हवाला देते हुए राहत मांगी है, जिसमें ‘माइंस एंड मिनरल डेवलपमेंट रेगुलेशन एक्ट’ केस में ब्याज और पेनल्टी माफ की गई थी.VODAFONE IDEA का तर्क है कि वही सिद्धांत उसके मामले में भी लागू होना चाहिए.
गौरतलब है कि पिछली सुनवाई के दौरान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से वक्त मांगा था, ताकि कंपनी और सरकार के बीच समाधान की कोशिश जारी रखी जा सके. इससे पहले Vodafone Idea ने AGR की पुनर्गणना की मांग रखी थी, जिसमें कंपनी ने दूरसंचार विभाग (DoT) द्वारा बकाया की गलत गणना का हवाला दिया था.
सरकार की क्या चिंताएं?
सरकार भी कंपनी की वित्तीय स्थिति को लेकर चिंतित है और कंपनी में उसकी 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है. ऐसे में अगर कोर्ट से कोई राहत मिलती है, तो इससे Vodafone Idea के अस्तित्व और टेलीकॉम सेक्टर की स्थिरता पर भी सकारात्मक असर देखने को मिल सकता है.