Rajasthan New CM Update: राजस्थान के सियासी गलियारे में बस एक ही चर्चा है आखिर सूबे का सीएम बनेगा कौन? लगातार सियासी दिग्गजों के नाम इस फेहरिस्त में सामने आ रहे। हालांकि, हर कोई जानता है कि मुख्यमंत्री का फैसला पार्टी आलाकमान करेगा। खास तौर से पीएम मोदी जिन पर भरोसा जताएंगे उसे ही ये गद्दी मिलेगी। इसी बीच में नया चौंकाने वाला नाम सामने आ रहा।
जयपुर: राजस्थान में अगला सीएम कौन होगा इस पर सस्पेंस गहराता ही जा रहा है। मुख्यमंत्री पद की रेस में वैसे तो कई दिग्गजों के नाम सामने आ रहे। हालांकि, केंद्रीय नेतृत्व किस पर भरोसा जताएगा ये देखना दिलचस्प होगा। खास तौर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सीएम पद को लेकर अकसर किसी नए चौंकाने वाले नाम पर मुहर लगाते रहे हैं। ऐसा ही कुछ राजस्थान में भी देखने को मिल सकता है। कहा जा रहा कि पीएम मोदी की तरफ से राजस्थान सीएम के लिए सुनील बंसल वो सियासी दिग्गज हो सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि वो राजस्थान के रहने वाले हैं। उन्हें कुशल संगठनकर्ता भी माना जाता है और सबसे खास बात ये कि उनकी पृष्ठभूमि संघ (RSS) की है। आखिर कौन हैं सुनील बंसल, जिनका नाम सीएम रेस में अचानक आया सामने बताते हैं आगे।
सीएम रेस में सुनील बंसल का नाम!
कभी यूपी बीजेपी के ‘चाणक्य’ कहे जाने वाले सुनील बंसल (Sunil Bansal) को लेकर राजस्थान के सियासी गलियारे में चर्चा का बाजार गर्म है। कहा जा रहा कि वो सूबे की एक्टिव पॉलिटिक्स में एंट्री मार सकते हैं। वैसे भी राजस्थान की सियासत में सुनील बंसल की चर्चा करीब 6 महीने से लगातार हो रही है। उनके विधानसभा चुनाव लड़ने की भी सुगबुगाहट थी। हालांकि, अब उन्हें सीएम पद का दावेदार माना जा रहा है। ऐसा होने की एक खास वजह है उनका राजस्थान कनेक्शन।
राजस्थान के रहने वाले हैं
सुनील बंसल, राजस्थान के ही रहने वाले हैं। उनका जन्म 20 सितंबर 1969 में हुआ। वो स्टूडेंट लाइफ से ही राजनीति में बेहद एक्टिव रहे। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से उनका संबंध रहा। 1989 में वो राजस्थान यूनिवर्सिटी के महासचिव चुने गए थे। बाद में उनका झुकाव आरएसएस की ओर हो गया। 1990 में आरएसएस प्रचारक बने। इसके बाद उन्होंने बीजेपी में आने का फैसला लिया।
यूपी में चुनावी जीत के रणनीतिकार
सुनील बंसल, बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री हैं। साथ ही उन्हें पश्चिम बंगाल, ओडिशा और तेलंगाना का प्रभारी भी बनाया गया है। सुनील बंसल को कुशल रणनीतिकार माना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि 2014 लोकसभा चुनाव के दौरान उन्हें यूपी का को-इंचार्ज बनाया गया था। इस चुनाव में उन्होंने अमित शाह के साथ मिलकर ऐसी रणनीति तैयार की कि बीजेपी गठबंधन ने उत्तर प्रदेश की 80 में से 73 सीटें अपने नाम कर ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी। बस इसी के बाद से सुनील बंसल ने पीछे मुड़कर नहीं देखा।
कुशल संगठनकर्ता
बात साल 2014 की है जब यूपी में लोकसभा चुनाव को लेकर चुनावी पारा चढ़ने लगा था। ऐसे में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने बंसल को उत्तर प्रदेश भेजने का फैसला किया। बंसल अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में जयपुर इकाई के महासचिव थे। संघ ने बंसल को यहां शाह की मदद करने के लिए भेजा था। उस वक्त शाह यूपी इंचार्ज थे। यही वह समय था जब शाह और बंसल की पहली बार मुलाकात हुई। बीजेपी ने लोकसभा चुनाव 2014 में शानदार जीत के बाद सुनील बंसल को यूपी का संगठन मंत्री बना दिया था।इसके बाद सुनील बंसल ने साल 2017-19 और 2022 के उत्तर प्रदेश के लोकसभा और विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी को शानदार जीत हासिल कराने में अहम भूमिका निभाई। फिर साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद उन्हें केंद्र की राजनीति में भी शामिल करने की चर्चा शुरू हुई। जिसके बाद सुनील बंसल को बीजेपी का राष्ट्रीय महामंत्री बनाया गया