इंडसइंड बैंक के शेयर इन दिनों खूब चर्चा में हैं। कंपनी के शेयर बीते कारोबारी दिन यानी मंगलवार को एक ही दिन में 27% से अधिक टूट गए थे। इसके बाद आज बुधवार को भी इसमें शुरुआती कारोबार में 5% तक की गिरावट देखी गई थी और यह शेयर 605.40 रुपये के इंट्रा डे लो पर आ गया था। हालांकि, इंट्रा डे में बैंक के शेयर में कुछ तेजी देखी गई और यह 7% तक चढ़कर 697.60 रुपये के इंट्रा डे हाई पर पहुंच गया था। शेयरों में इस गिरावट के पीछे एक निगेटिव रिपोर्ट है। दरअसल, बैंक ने अपने फॉरेक्स डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में कुछ विसंगतियों की सूचना दी थी, जिसके चलते यह गिरावट हुई। इसके बाद कई ब्रोकरेज ने स्टॉक को डाउनग्रेड कर दिया और टारगेट प्राइस में कटौती कर दी है। इस बीच, एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक, म्यूचुअल फंड ने इंडसइंड बैंक के भारी भरकम शेयर बेच डाले है।
क्या है डिटेल
नुवामा अल्टरनेटिव एंड क्वांटिटेटिव रिसर्च की म्यूचुअल फंड इनसाइट रिपोर्ट के अनुसार, म्यूचुअल फंडों ने भारी गिरावट से पहले इंडसइंड बैंक के लगभग 1.6 करोड़ शेयर बेचे हैं। फरवरी में कुल शेयरों की संख्या लगभग 20.7 करोड़ थी, जबकि जनवरी में यह संख्या 22.3 करोड़ थी। रिपोर्ट में बताया गया है कि यह स्टॉक म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में सबसे ज़्यादा कटौती वाले स्टॉक में से एक था। क्वांट म्यूचुअल फंड द्वारा जोड़े गए तीन नए स्टॉक में इंडसइंड बैंक शामिल था। फंड हाउस ने फरवरी में 300 करोड़ रुपये के 30.77 लाख शेयर खरीदे। कोटक म्यूचुअल फंड ने फरवरी में 509 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। बंधन म्यूचुअल फंड के पास 900 करोड़ रुपये के 93.47 लाख शेयर थे और यह फंड हाउस की शीर्ष 10 होल्डिंग्स में से एक था। पीपीएफएएस म्यूचुअल फंड ने फरवरी में 29 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। बता दें कि इंडसइंड बैंक ने सोमवार को शेयर बाजार को बताया था कि उसके वायदा-विकल्प पोर्टफोलियो से संबंधित प्रक्रियाओं की आंतरिक समीक्षा के दौरान, उसने कुछ विसंगतियां पाईं। बैंक ने एक बयान में कहा कि उसने विस्तृत आंतरिक समीक्षा में दिसंबर 2024 तक बैंक की कुल संपत्ति पर लगभग 2.35 प्रतिशत के प्रतिकूल प्रभाव का अनुमान लगाया है।
अब RBI ने दिया यह आदेश
इस बीच ईटी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इंडसइंड बैंक के बोर्ड से मुख्य कार्यकारी अधिकारी और मुख्य परिचालन अधिकारी के पदों के लिए दो बाहरी उम्मीदवारों के नाम प्रस्तावित करने को कहा है। यह फैसला पिछले सप्ताह बैंकिंग नियामक द्वारा सीईओ के रूप में सुमंत कठपालिया की पुनर्नियुक्ति के लिए एक साल के विस्तार को मंजूरी दिए जाने के बाद लिया गया है। बता दें कि कठपालिया का कार्यकाल मूल रूप से 24 मार्च, 2025 को समाप्त होने वाला था, जो अब 23 मार्च, 2026 को समाप्त होगा।
